रिसर्च में ये रिजल्ट आए सामने
शोध कर्ताओं के मुताबिक इस अध्ययन से कई रोमांचक परिणाम देखने को मिले। जिन चूहों ने ब्रोकोली स्प्राउट्स खाया था, उनके रक्त में सल्फोराफेन नामक एक सूजन-रोधी मेटाबोलाइट की सांद्रता अधिक थी। सल्फोराफेन में इस वृद्धि ने उन्हें वजन घटाने, मल रक्त और दस्त जैसे गंभीर बीमारी के लक्षणों से बचाया गया। शोध कर्ताओं ने पाया कि जिन चार चूहों के समूहों का हमने अध्ययन किया, उनमें से जिन छोटे चूहों को ब्रोकोली स्प्राउट आहार दिया गया, उनमें रोग के सबसे हल्के लक्षण और सबसे मजबूत आंत माइक्रोबायोटा था।
शोध कर्ताओं के मुताबिक इस अध्ययन से कई रोमांचक परिणाम देखने को मिले। जिन चूहों ने ब्रोकोली स्प्राउट्स खाया था, उनके रक्त में सल्फोराफेन नामक एक सूजन-रोधी मेटाबोलाइट की सांद्रता अधिक थी। सल्फोराफेन में इस वृद्धि ने उन्हें वजन घटाने, मल रक्त और दस्त जैसे गंभीर बीमारी के लक्षणों से बचाया गया। शोध कर्ताओं ने पाया कि जिन चार चूहों के समूहों का हमने अध्ययन किया, उनमें से जिन छोटे चूहों को ब्रोकोली स्प्राउट आहार दिया गया, उनमें रोग के सबसे हल्के लक्षण और सबसे मजबूत आंत माइक्रोबायोटा था।
आसानी से उगाई जा सकती है ब्रोकोली
ब्रोकोली आसानी से उपलब्ध हो जाती है, इसे उगाया भी जा सकता है। इसमें विटामिन सी और विटामिन-के होता है। इससे आंखों की सेहत सुधरती है और खून भी बढ़ता है। इसके अलावा प्रोटीन, फाइबर, पोटैशियम, फॉस्फोरस और सेलेनियम के गुण भी होते हैं।
ब्रोकोली आसानी से उपलब्ध हो जाती है, इसे उगाया भी जा सकता है। इसमें विटामिन सी और विटामिन-के होता है। इससे आंखों की सेहत सुधरती है और खून भी बढ़ता है। इसके अलावा प्रोटीन, फाइबर, पोटैशियम, फॉस्फोरस और सेलेनियम के गुण भी होते हैं।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।