मुनरो 1929 में इसी चार बेडरूम वाले घर में तकरीबन 6 महीने रहीं और 1962 में उनकी मृत्यु भी इसी घर में ओवरडोज के चलते हुई। वैराइटी डॉट कॉम की रिपोर्ट के अनुसार, एलए कंजर्वेंसी के प्रस्ताव में कहा गया है कि यह घर वह पहली जगह थी, जिसे उन्होंने 1962 में सक्रिय रूप से काम करते हुए अपने लिए खरीदा था।
यह भी पढ़े: शत्रुघ्न सिन्हा की बेटी सोनाक्षी ने 2 साल पहले ही जहीर इकबाल से कर ली थी सगाई? शादी के बाद सोशल मीडिया पर वायरल हुईं फोटोज बाद में मालिक ब्रिना मिलस्टीन और उनके पति, रियलिटी टीवी निर्माता रॉय बैंक ने 2023 में 8.35 मिलियन डॉलर में इस घर को खरीदा और बड़ा बनाने के लिए इसे तोड़ने का फैसला किया। उन्होंने एक साल तक इसे ऐतिहासिक स्मारक बनाने से रोकने की पूरी कोशिश की। उन्होंने मुकदमा दायर करते हुए अधिकारियों पर साजिश रचने का आरोप लगाया। मामले की सुनवाई 13 अगस्त को होनी है।
मुकदमे में, उन्होंने कहा कि घर में काफी बदलाव किया गया है, इसलिए यह ऐतिहासिक सांस्कृतिक स्मारक के मानदंडों को पूरा नहीं करता है। कई और लोग और मोनरो एस्टेट ऐतिहासिक स्मारक का समर्थन नहीं करते। विरोध के बावजूद, काउंसिल के ऐतिहासिक महत्व की संपत्तियों की लिस्ट में मर्लिन मुनरो के घर को जोड़ने के पक्ष में 12 वोट पड़े। इस फैसले का समर्थन सिटी काउंसिल की लैंड यूज मैनेजमेंट सबकमेटी और कल्चर हेरिटेज कमिश्नर ने किया।ऐतिहासिक स्मारक बनाए जाने के बाद भी इसे तोड़ने से पूरी तरह से नहीं रोका जा सकता लेकिन अगर विध्वंस का प्रस्ताव है तो यह इसे एक सख्त समीक्षा प्रक्रिया का सामना करना पड़ेगा।