नोबेल प्राइज 1901 से बांटा जा रहा है। ऑस्कर अवॉर्ड्स की शुरुआत 1929 में हुई थी। इन ढेर सारे सालों में ऐसे सिर्फ दो लोग इस धरती के तख्ते पर हुए, जिनके पास ये दोनों अवॉर्ड्स हैं। ये दो महानुभव थे जॉर्ज बर्नार्ड शॉ और बॉब डिलन। आइये जानते हैं इनके बारे में।
जॉर्ज बर्नार्ड शॉ
सबसे पहले बात करते हैं जॉर्ज बर्नार्ड शॉ की क्योंकि पहले ये दोनों सम्मान इन्हीं को मिले थे। 26 जुलाई 1856 को आयरलैंड के डबलिन में जन्मे जॉर्ज बर्नार्ड शॉ आलोचक, पॉलिटिकल एक्टिविस्ट होने के साथ एक प्ले राइटर भी थे। उन्होंने फिल्मों के लिए बहुत कुछ लिखा है। 1925 में साहित्य के क्षेत्र में असाधारण योगदान के लिए इन्हें नोबेल प्राइज मिला था।
नोबेल प्राइज मिलने के ठीक 13 साल बाद 1939 में फिल्म ‘पिगमेलियन’ का स्क्रीन प्ले लिखने के लिए ऑस्कर अवॉर्ड मिला। ऑस्कर हासिल करते वक़्त उनकी उम्र 82 साल थी। यह अपने आप में एक बड़ा रिकॉर्ड था, जो दशकों तक बना रहा है। लेकिन 2016 में यही रिकॉर्ड बनाया अमेरिका के बॉब डिलन ने।
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बॉब डिलन
1941 में अमेरिका में जन्मे बॉब डिलन पेशे से एक गीतकार, लेखक और सिंगर रहे हैं। जब जॉर्ज बर्नार्ड शॉ की मौत हुई थी बॉब सिर्फ 9 साल के थे। 60 के दशक में बॉब चर्चा में आए। वो ऐसा दौर था जब अमेरिका में क्रॉस कल्चरल मूवमेंट चल रहा था।बॉब उस दौर की पीढ़ी की आवाज बन गए थे। 1965 में आए बॉब के गाने ‘लाइक अ रोलिंग स्टोन’ ने लोगों पर ऐसा असर छोड़ा कि अमेरिका में बॉब की छवि एक जनगायक और लोकगायक के रूप में बन गई। समय के साथ इनकी पॉप्युलैरिटी बढ़ती गई।
साल 2000 में फिल्म ‘वंडर बॉयज’ का गाना ‘थिंग्स हैव चेंज्ड’ को ऑस्कर में बेस्ट ओरिजिनल सॉन्ग कैटेगरी में चुना गया और अवॉर्ड मिला। वहीं, 13 अक्टूबर 2016 में साहित्य के क्षेत्र में इनके काम के लिए इन्हें नोबेल पुरस्कार दिया गया।
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