हर मुद्दे पर खुलकर बोलने वाले नेता कपिल मिश्रा ने कई ट्वीट किए जिसमें वह औरतों की इज्जत, और उन्हें चुप कराते हुए नज़र आए। कपिल मिश्रा ने सबसे पहला ट्वीट किया। जिसमें वह लिखते हैं कि ‘आंदोलन था मंडियो का बन गया…।’ अब इस ट्वीट को पूरा करने में सभी बहुत सक्षम हैं और सभी यह बात भी बखूबी जानते हैं कि वह क्या कहना चाहते हैं। हालांकि ट्वीट के विवादों में आने के बाद उन्होंने तुंरत ही इस ट्वीट को डिलीट कर दिया। लेकिन वह फिर भी बाज नहीं आए और उन्होंने एक और ट्वीट किया जिसमें वह औरतों की इज्जत की धज्जियां उड़ाते हुए नज़र आए।
कपिल मिश्रा ने अपने दूसरे ट्वीट में लिखते हुए कहा कि ‘सेक्स, कामुकता, नंगाई और हवस की गोद में ले जाकर बिठा दिया फर्जी किसान आंदोलन को…एक हफ्ते पहले एक अत्यंत पवित्र निशान इस आंदोलन का प्रतीक बनाकर लहराया गया था और आज?’ इस ट्वीट के माध्यम से कपिल मिश्रा 26 जनवरी को किसानों द्वारा किए गए प्रदर्शन की बात करें। वहीं रिहाना, मिया खलीफा और ग्रेटा के लिए सेक्स, कामुकता, नंगाई और हवस की गोद जैसे शब्दों का प्रयोग किया गया।
वहीं अब इस ट्वीट पर ध्यान दीजिए। जिसमें कपिल मिश्रा शब्दों से खेलते हुए नज़र आ रहे हैं। मिया खलिफा का किसान आंदोलन को सपोर्ट करना नेता को इतना खराब लग रहा है कि वह अपनी सारे हदों को पार करते हुए शब्दों का चयन करना भी भूल गए हैं। पहले तो कपिल मिश्रा ने मिया खलीफा पर ताना कसा कि ‘अब मिया खलीफा भी आंदोलन खड़ा करेंगी।’ जिसके बाद उन्होंने एक और ट्वीट किया जिसमें जरा उनकी भाषा पर गौर जरूर दीजिएगा। कपिल मिश्रा लिखते हैं ‘जुताई को क्या सुन लिया इन्होंने?’ महिलाओं के ऊपर किए गए यह तमाम ट्वीट सोशल मीडिया पर काफी तेजी से वायरल हो रहे हैं। वैसे आपको बतातें चलें कि अक्सर कई बार शब्दों और भाषा की मर्यादा को लांगते हुए कपिल मिश्रा अपनी गलतियों के लिए कई बार माफी मांग चुके हैं।