जैक्सन को सहनी पड़ी थी नस्लवाद की तीखी टिप्पणियां:
माइकल जैक्सन ने 80 के दशक में संगीत जगत में अपनी अलग पहचान बना ली थी। हालांकि इस दौर में उन्हें नस्लवाद की तीखी टिप्पणियां भी सहनी पड़ी थी। माइकल जैक्सन का एलबम ‘बीट इट.बिली जीन…’ और ‘थ्रिलर…’ ने नस्लवाद की सारी बाधाओं को तोड़ दिया और उन्हें कामयाबी दिलायी। माइकल जैक्सन की ‘थ्रिलर’ उस दौर की ऑलटाइम बेस्ट सेलिंग एलबम बनी। उसके बाद ‘ऑफ दि वॉल बैड.डेंजरस…’ और ‘हिस्ट्री’ ने उन्हें किंग ऑफ पॉप बना दिया। माइकल को उनके कॅरियर के दौरान मान-सम्मान भी खूब मिला। माइकल कई गिनीज अवॉर्ड जैसे ग्रैमी अवॉर्ड, अमरीकन म्यूजिक अवॉर्ड, ग्रैमी लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड और ग्रैमी लीजेंड अवॉर्ड समेत कईं पुरस्कारों से सम्मानित किए गए हैं।
कई आरोपों का भी करना पड़ा सामना:
माइकल जैक्शन को उनके कॅरियर के दौरान आरोपों का भी सामना करना पड़ा था। 90 के दशक में माइकल पर बाल यौन शोषण का आरोप लगा था। कहा जाता है कि नशीली गोलियों के अत्यधिक सेवन के चलते माइकल जैक्सन को दिल का दौरा पड़ा और 25 जून, 2009 को उनकी मौत हो गई थी। उनकी मौत के बाद वर्ष 2009 में जैक्सन का एलबम बेस्ट सेलिंग बना। अमरीका में ही 82 लाख और दुनियाभर में 3.5 करोड़ एलबम बिके। एक सप्ताह में ही उनके 26 लाख से ज्यादा गीत डाउनलोड हुए जो इतिहास में सबसे ज्यादा है।
माइकल जैक्सन गरीबी से परिचित थे और अभाव में किस तरह बड़े हुए इसका उन्हें गहरा अहसास था। इसके चलते उन्होंने चैरिटी के लिए दुनियाभर में कॉन्सर्ट भी किए। गिनीज संस्था ने उन्हें 39 चैरिटी को सहयोग करने के लिए सम्मानित किया था। माइकल जैक्सन के पहले ऐसा कोई कलाकार नहीं था जिसने सहायता के लिए इतने कार्यक्रम किए।