IIT से पास आउट है शरजील, पिता ने लड़ा था चुनाव, मां ने समर्थन में कही बड़ी बात
गृह मंत्री अनिल विज की अध्यक्षता में गठित की गई पांच सदस्यीय कॉमन मिनिमम प्रोग्राम कमेटी ने वित्त मंत्रालय के अधिकारियों को वित्तीय ड्राफ्ट तैयार करने के निर्देश जारी कर दिए हैं। बजट से पहले वित्त विभाग द्वारा सरकार को यह बताया जाएगा कि इसे लागू करने पर सरकारी खजाने पर कुल कितना बोझ पड़ेगा।
योजना को लागू करने के लिए मोटे तौर पर फार्मूला तैयार हो चुका है, लेकिन इस पर कैबिनेट की बैठक में चर्चा होना बाकी है। सरकार हर उस परिवार को इस योजना में शामिल करेगी, जिसकी सालाना आय 1 लाख 80 हजार रुपये या इससे कम है। यही नहीं, योजना के तहत उन किसान परिवारों की बेटियों को भी मुफ्त शिक्षा का फायदा मिलेगा, जिनके पास पांच एकड़ तक कृषि योग्य भूमि है।
भाजपा की गठबंधन सहयोगी जेजेपी ने सभी सरकारी शिक्षण संस्थानों में लड़कियों की पहली क्लास से पीएचडी तक की शिक्षा मुफ्त करने का वादा किया था। माना जा रहा है कि पीएचडी तक की शिक्षा को मुफ्त करने की बजाय सरकार इसके लिए अलग से कैटेगरी बना सकती है। बहरहाल, गठबंधन सरकार बेटियों की शिक्षा को लेकर नीति बनाने में जुटी है। बजट सत्र के दौरान ही इसके ग्राउंड पर उतरने के आसार हैं।
अभी तक आठवीं तक मिलती है सुविधा…
प्रदेश सरकार में अभी तक पहली से आठवीं कक्षा तक के विद्यार्थियों को सरकारी स्कूलों में मुफ्त शिक्षा दी जाती थी। आठवीं तक के बच्चों को पाठ्य पुस्तकें व नोट बुक के अलावा वर्दी और स्कूल बैग भी मुफ्त मिलते हैं। राज्य सरकार ने इसका विस्तार करते हुए अब 9वीं से 12वीं कक्षा तक के विद्यार्थियों को भी मुफ्त पाठ्य पुस्तकें देने का फैसला लिया है। अनुसूचित जाति व पिछड़ा वर्ग के बच्चों के लिए उच्चतर शिक्षा के लिए शुरू की गई कोचिंग योजना अलग से चालू रहेगी। इन परिवारों के बच्चों को पढ़ाई के लिए छात्रवृत्ति दी जाती है। सरकार द्वारा एससी-बीसी के लिए स्कोरशिप योजना भी शुरू की हुई है। इन योजनाओं पर केजी से पीजी तक मुफ्त शिक्षा योजना की वजह से कोई असर नहीं पड़ेगा।