अच्छी बात ये है कि ज्यादातर छोड़ने वाले युवाओं ने 12वीं तक की पढ़ाई की है और इनमें से 76% को तंबाकू का सेवन करने वाले परिवार में नहीं पले. 69% लोग मुख्यतः बिना धुएं वाला तंबाकू, जैसे गुटका या खैनी, खाते थे.
उत्तर प्रदेश के 30% से ज्यादा लोगों ने तंबाकू छोड़ा
रिपोर्ट में बताया गया है कि उत्तर प्रदेश से सबसे ज्यादा कॉल (32%) आईं और वहां से 30% से ज्यादा लोगों ने तंबाकू छोड़ा. कुल मिलाकर, 73% कॉल करने वाले लोग 10 साल से कम समय से तंबाकू खा रहे थे और 78% लोगों ने कभी शराब नहीं पी थी. यह भी पढ़ें – तंबाकू से हो कैंसर तब इलाज के बाद कैसी हो लाइफस्टाइल , जाने तंबाकू छोड़ने के सबसे बढ़िया तरीके डॉ राज कुमार, वीपीसीआई के डायरेक्टर का कहना है कि “एनटीक्यूएलएस पूरे देश में तंबाकू यूजर्स को मुफ्त में सलाह और मार्गदर्शन देता है ताकि वे अपनी सेहत का ख्याल रख सकें.” उन्होंने यह भी बताया कि “तंबाकू छोड़ना सिर्फ इच्छाधारा की बात नहीं है. हम नशे के कारणों को समझकर लालसा और वापसी के लक्षणों को दूर करने की रणनीति बताते हैं.”
वीपीसीआई के टोबैको सेसेशन क्लिनिक (टीसीसी) ने पिछले 23 सालों में 376 जागरूकता कार्यक्रम, तंबाकू विरोधी अभियान और सेमिनार चलाए हैं, जिनसे 13 लाख से ज्यादा लोग जुड़े. इन कार्यक्रमों के जरिए 57 हजार डॉक्टरों को ट्रेनिंग दी गई है, 45 हजार छात्रों को फायदा हुआ है और 61 हजार से ज्यादा समाजसेवियों को जागरूक किया गया है. इससे तंबाकू के खिलाफ जागरूकता और शिक्षा का सिलसिला लगातार बढ़ रहा है.