प्लैंक पोज यह मुद्रा एक आर्म बैलेंस पोज है जो बाहों को मजबूत करती है, पेट की मसल्स और रीढ़ को टोन करती है। कई मिनट तक प्लैंक का अभ्यास करने से नर्वस सिस्टम को टोन करते हुए सहनशक्ति बढ़ती है। सूर्य नमस्कार के भाग के रूप में, अष्टांग और विन्यास प्रवाह योग कक्षाओं में इसका कई बार अभ्यास किया जाता है। यदि आपको कार्पल टनल सिंड्रोम है तो मुद्रा को पूरी तरह से करने से बचें बल्कि फर्श पर घुटनों के बल झुककर अभ्यास करें।
त्रिकोणाशन
यह मुद्रा फ्लैट पैर को रोकने में मदद करती है, पैर की मसल्स को टोन करती है, पिंडलियों और हिप्स की मसल्स को मजबूत करती है, पैरों और हिप्स में कठोरता को दूर करती है, पीठ की वक्रता को ठीक करती है, कमर की मसल्स को मजबूत करती है और रीढ़ को लचीला बनाती है।
अधोमुख श्वानासन
इस मुद्रा का अभ्यास अक्सर सूर्य नमस्कार में किया जाता है। यह एक बहुत ही गतिशील मुद्रा है और यदि आप एक मिनट के लिए खुद को इस मुद्रा में होल्ड करती हैं तो यह बहुत वर्मिंग होती है।