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स्वास्थ्य

तीस साल पुराने भ्रूण से पैदा हुए जुड़वा बच्चे, मनाया पहला जन्मदिन

World’s oldest babies: मेडिकल साइंस इतना आगे निकल चुका है, इसका अंदाजा हम बिल्कुल भी नहीं लगा सकते हैं। क्या आप मान सकते हैं कि 30 साल पहले जिन माता—पिता की उम्र पांच साल थी, उसी साल उनके जुड़वा बच्चों के भ्रूण भी तैयार हो गए होंगे। ऐसा वास्तव में हुआ है, टिमोथी और रिजवे नाम के जुड़वा बच्चों का जन्म 31 अक्टूबर 2022 को हुआ था, आज दोनों बच्चे एक साल के हो गए हैं, इन दोनों बच्चों का भ्रूण 1992 में फ्रीज किया गया था, उस समय उनके पैरेंट्स सिर्फ तीन और पांच साल के थे।

Nov 16, 2023 / 04:38 pm

Jaya Sharma

इन बच्चों के बॉयोलॉजिकल माता-पिता गुमनाम रहना चाहते थे

दुनिया के सबसे पुराने बच्चे! 30 साल पुराने भ्रूण से पैदा हुए जुड़वां बच्चों ने हाल ही मनाया पहला जन्मदिन

ये मामला वाशिंगटन के वैंकूवर क्षेत्र का है, जहां इन भाई—बहन के भ्रूणों को एक जोड़े ने गोद लिया। इन बच्चों के बॉयोलॉजिकल माता-पिता गुमनाम रहना चाहते थे। उन्होंने 1992 में इन भ्रूणों को राष्ट्रीय भ्रूण दान केंद्र (एनईडीसी) में दान कर दिया था। तीस साल बाद गोद लेने वाले माता-पिता ने 2022 में जुड़वा बच्चों को गर्भ धारण करने के लिए आईवीएफ का इस्तेमाल किया। जन्म के साथ ही इन जुड़वा बच्चों ने गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स से सफल गर्भावस्था में उपयोग किए गए सबसे पुराने भ्रूण का खिताब अर्जित किया है।
उपहार स्वरूप दान किए थे भ्रूण
बच्चों के जैविक माता-पिता ने बच्चों के भ्रूणों को दान केन्द्र में उपहार स्वरूप दान दिया था। यह भ्रूण केवल उन जोड़ों को गोद लेने की अनुमति थी, जिनकी शादी को कम से कम तीन साल हो गए हो। इन बच्चों के दत्तक माता और पिता, राचेल और फिलिप रिजवे, क्रमशः तीन और पांच साल के थे, जब उनके बच्चों के भ्रूण फ्रीज कर दिए गए थे। इन भ्रूणों को अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है, क्योंकि इन्हें इनके माता-पिता दान कर देते हैं।
दम्पति के पहले से चार बच्चे
36 वर्षीय मिस्टर रिजवे ने का कहना है कि हमने जिसे भी इन बच्चों के बारे में बताया, वे हैरत में पड़ गए। भ्रूण को गोद लेने पहले हमारे दो से आठ साल के बीच के चार बच्चे थे, लेकिन हम फिर भी अपने परिवार का विस्तार चाहते थे। हमें अपनेे पहले तीन बच्चों के जन्म के लिए प्रजनन केन्द्र की सहायता लेनी पड़ी। उसके बाद 2020 में चौथा बच्चा प्राकृतिक रूप से हुआ। हमने हमेशा सोचा है कि हमें उतने बच्चे पैदा करने चाहिए, जितना भगवान हमें देना चाहते हैं। फिर हमने भ्रूण गोद लेने का प्लान बनाया और भूणदान केन्द्र गए। हमें वहां पता कि इन बच्चों के जैविक पिता की बीमारी के कारण मौत हुई है, उसके बाद भी हमने संकोच नहीं किया। आज दोनों बच्चे स्वस्थ है और उन्होंने अपना पहला जन्मदिन मनाया है।
क्या होती है आईवीएफ प्रणाली
आईवीएफ शिशु को गर्भ धारण करने के लिए उपलब्ध कई प्रजनन उपचारों में से एक है। इस प्रक्रिया के तहत अंडाशय से एक अंडा निकाला जाता है और एक प्रयोगशाला में शुक्राणु के साथ निषेचित किया जाता है। फिर इस भ्रूण को महिला के गर्भाशय में प्रत्यारोपित कर दिया जाता है। भूण गर्भाशय के अंदर विकसित होता है।

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