स्वास्थ्य

देखें तस्वीरों में : सर्दियों में सुबह के समय ब्रेन अटैक का खतरा क्यों बढ़ जाता है? जानें कारण

Symptoms of brain stroke : रक्तचाप एक महत्वपूर्ण स्वास्थ्य संबंधित मुद्दा है, और इसका सही नियंत्रण अत्यंत महत्वपूर्ण है। आमतौर पर, लोगों का ब्लड प्रेशर दिन के समय में बढ़ सकता है, जो रात में पर्याप्त नींद के बाद स्वतंत्र रूप से बढ़ जाता है। हालांकि, जिन लोगों को उच्च ब्लड प्रेशर की समस्या होती है, उन्हें रात में भी उच्च ब्लड प्रेशर का सामना करना पड़ सकता है, जिससे उन्हें सही नींद प्राप्त करने में कठिनाई हो सकती है। इसे सामान्य करने के लिए, कई लोग दवाएं लेते हैं, लेकिन कुछ व्यक्तियों को इस बारे में जागरूकता नहीं होती है। इस तंत्र में दवा न लेने पर उच्च ब्लड प्रेशर से जुड़े संभावित खतरों को लेकर जागरूकता महत्वपूर्ण है, ताकि लोग अपने स्वास्थ्य का सही ख्याल रख सकें।

Dec 16, 2023 / 12:03 pm

Manoj Kumar

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Symptoms of brain stroke : सामान्य रूप से दिन में बढ़ा ब्लड प्रेशर रात में पर्याप्त नींद के बाद स्वत: ही घट जाता है। पर जिन्हें हाई बीपी है उनमें रात में भी पर्याप्त नींद के बाद बीपी लेवल में कमी नहीं आती है। इसे सामान्य करने के लिए दवा लेने की जरूरत होती है। जब दवा नहीं लेते हैं तो ब्लड नलियों में दबाव बढ़ता, ब्रेन स्ट्रोक होता है। सर्दी में सुबह 4-5 बजे सबसे अधिक ठंडी होती है। ऐसे में जब शरीर को सर्दी का एक्सपोजर होता है तो शरीर उसे नियंत्रित करने का प्रयास करता है, बीपी बढ़ता है और स्थिति बिगड़ने पर ब्रेन स्ट्रोक होता है। अध्ययन बताते हैं कि हर 5 डिग्री सेल्सियस कम तापमान पर 6% तक स्ट्रोक का रिस्क बढ़ता है।

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इन बातों का रखें ध्यान

- जिन्हें ब्लड प्रेशर, डायबिटीज या हार्ट की समस्या है वे दवाइयां नियमित लें और बीमारी को नियंत्रित रखें। बीपी की रात की दवा न छोड़ें।

- ज्यादा ठंडक है तो हर उम्र के लोग सुबह व्यायाम से बचें। धूप निकलने के बाद व्यायाम करें।

- नियमित व्यायाम करते रहें। सर्दी में खुले में हैवी वर्कआउट न करें। सर्दी में कपड़े पर्याप्त पहनें।

- गोल्डन ऑवर 4.30 घंटे का होता है लेकिन लकवा का लक्षण दिखे तो जितना जल्दी हो सके ऐसे हॉस्पिटल में दिखाएं जहां न्यूरो के डॉक्टर हैं। इससे रिकवरी तेजी से होती है।

- सर्दी में भी 2-3 लीटर तक पानी पीएं। मौसमी फल, सब्जियां खाएं। फास्ट फूड आदि से बचें।

- किसी प्रकार का नशा करना जोखिम को कई गुना बढा़ता है।

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इन्हें खतरा ज्यादा, क्या लक्षण आते हैं

डायबिटीज, हाई बीपी और कोलेस्ट्राल रोगियों, गर्भवती महिलाएं, 55 साल से ज्यादा वाले लोग और जिनमें खून की कमी है उन्हें विशेष सावधानी बरतने की जरूरत होती है। ब्रेन स्ट्रोक होने पर हाथ-पैर के मूवमेंट में परेशानी, सोचने और समझने की ताकत कम होना, ठीक तरीके से बोल न पाना, सांस लेने में परेशानी, सिरदर्द के साथ-साथ उल्टी आदि लक्षण दिख सकते हैं।

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शरीर में होता है ऐसे बदलाव

सर्दी बढ़ने पर खून की नलियों में सिकुड़न आने लगती है, जिससे ब्लड प्रेशर बढ़ता है और शरीर की मांसपेशियां भी ठीक तरीके से काम नहीं करती हैं, जिससे ब्रेन स्ट्रोक यानी लकवा हो सकता है। सर्दी में अन्य मौसम की तुलना में थोड़ा कम पानी पीते हैं, जिससे बॉडी डिहाइड्रेट रहती है। इससे खून गाढ़ा हो सकता है। इसका रिस्क बीपी-शुगर के मरीजों में ज्यादा रहता है।

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ब्रेन स्ट्रोक के प्रकार

ब्रेन स्ट्रोक दो प्रकार के होते हैं। खून की नसों में क्लॉटिंग होने से दिमाग में ब्लड सर्कुलेशन में परेशानी होती है, जो इस्केमिक स्ट्रोक की वजह बन सकता है। वहीं, दिमाग के अंदर खून की नस फटने से हैमरेजिक स्ट्रोक या ब्रेन हैमरेज होने की आशंका अधिक रहती है। ऐसे में बदलते मौसम में उन लोगों को सावधान रहने की सबसे ज्यादा जरूरत होती है, जो पहले से ही किसी क्रॉनिक बीमारी से जूझ रहे हैं क्योंकि थोड़ी सी भी लापरवाही खतरे में डाल सकती है। इसलिए सावधानी बरतें।

डॉ. नीरेंद्र राय सीनियर न्यूरोलॉजिस्ट भोपाल

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