मेनोपॉज के बाद क्यों बढ़ता है हृदय रोग का खतरा? Menopause and heart disease
मेनोपॉज (Menopause) के बाद महिलाओं में हृदय रोग (Heart disease) का खतरा इसलिए अधिक होता है क्योंकि इस समय के दौरान उनके शरीर में कई हार्मोनल बदलाव होते हैं। यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास साउथवेस्टर्न मेडिकल सेंटर, यू.एस. में हुई एक अध्ययन की लेखिका डॉ. स्टेफनी मोरेनो के अनुसार, “मेनोपॉज (Menopause) के दौरान और इसके बाद एलडीएल (खराब कोलेस्ट्रॉल) की मात्रा में बढ़ोतरी और एचडीएल (अच्छा कोलेस्ट्रॉल) में कमी देखी जाती है।” यह स्थिति हृदय रोग (Heart disease) के लिए एक बड़ा खतरा पैदा करती है, जिसमें कोरोनरी आर्टरी डिजीज जैसी समस्याएं शामिल हैं।
लिपिड प्रोफाइल में बदलाव: एक गहन अध्ययन
शोध में कुल 1,246 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया और इनके लिपिड प्रोफाइल की जांच न्यूक्लियर मैग्नेटिक रेजोनेंस (एनएमआर) तकनीक का उपयोग करके की गई। डॉ. मोरेनो ने बताया, “हमने पाया कि
मेनोपॉज (Menopause) के बाद महिलाओं की लिपोप्रोटीन प्रोफाइल में महत्वपूर्ण और प्रतिकूल बदलाव हुए हैं, जिनमें सबसे प्रमुख एलडीएल पार्टिकल्स में बढ़ोतरी है।”
शोध के निष्कर्ष और भविष्य की दिशा
शोधकर्ताओं का मानना है कि इन निष्कर्षों से यह समझने में मदद मिल सकती है कि मेनोपॉज (Menopause) के बाद महिलाओं में हृदय रोग (Heart disease) का खतरा क्यों बढ़ता है और क्या पहले से ही हस्तक्षेप की आवश्यकता है। यह शोध 30 अगस्त से 2 सितंबर तक यूके में होने वाली यूरोपियन सोसायटी ऑफ कार्डियोलॉजी (ईएससी) कांग्रेस 2024 की आगामी बैठक में प्रस्तुत किया जाएगा।
महिलाओं के लिए संदेश: हृदय स्वास्थ्य पर ध्यान दें
मेनोपॉज (Menopause) के दौरान और इसके बाद महिलाओं को अपने हृदय स्वास्थ्य (Heart Health) का विशेष ध्यान रखना चाहिए। संतुलित आहार, नियमित व्यायाम, और समय-समय पर चिकित्सकीय जांच से हृदय रोग (Heart disease) के जोखिम को कम किया जा सकता है। यह शोध इस बात का प्रमाण है कि समय रहते सही कदम उठाने से हृदय रोग के खतरे को टाला जा सकता है।