गर्भधारण के बाद सावधानियों को मतलब खान-पान, रहन-सहन, चलना-फिरना, सेक्स आदि के तरीकों में बदलाव करने से है, क्योंकि गर्भावस्था में महिला द्वारा किए गए हर काम का सीधा प्रभाव शिशु पर जाता है। जो महिलाएं पहली बार मां बन रही होती हैं, उन्हें हर समय अपने डॉक्टर या फिर अपने बड़ों से इस बारे में राय लेते रहना चाहिए। बच्चा गर्भ में भी स्वस्थ रहे , इसीलिए मां को अपने स्वास्थ्य के साथ भी कोई लापरवाही नहीं करनी चाहिए और गलती से भी वो काम नहीं करना चाहिए, जिससे बच्चे को किसी तरह का कोई नुक्सान हो, तो आइये जानते हैं महिला को गर्भावस्था में कौन-कौन से काम नहीं करने चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए।
गर्भावस्था में इन बातों का रखें खास खयाल
– भारी सामान न उठायें।
– समय-समय पर डॉक्टर से राय लेते रहे।
– उलटी, पेट दर्द जैसी समस्या के ज्यादा होने पर डॉक्टर से परामर्श ले।
– यात्रा से परहेज करना चाहिए।
– ज्यादा तले हुए और मसालेदार भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए।
– पपीता, अनानास जैसे फलो से परहेज करना चाहिए।
– ज्यादा एक्सरसाइज नहीं करनी चाहिए।
– ज्यादा समय तक एक ही स्थान पर नहीं बैठना चाहिए7
आयरन की कमी पर क्या खाएं…
अगर मां को आयरन की कमी हो तब भी भ्रूण मां से आयरन लेता है. इसलिए नॉनवेज, अंडा, हरा मटर, मसूर की दाल, हरी पत्तीदार सब्जियां खाने के लिए मां को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।
योग को हां, सेक्स को ना
आयुष मंत्रालय द्वारा जारी की गई बुकलेट के अनुसार, गर्भवती महिलाओं को काम वासना, गुस्सा, घृणा जैसी भावनाओं से खुद को दूर रखना चाहिए। बुरे लोगों के साथ नहीं रहना चाहिए, हमेशा सज्जनों के साथ और शांत माहौल में रहना चाहिए। हालांकि, बुकलेट में गर्भवती महिलाओं को गर्भधारण के बाद सेक्स से बचने की कोई स्पष्ट राय नहीं दी, लेकिन विशेषज्ञों की मानें, तो ‘चाहत’ और ‘काम वासना’ से’ खुद को अलग रखने की सलाह’ का यही मतलब होता है। इसके अलावा जहां तक गर्भावस्था में योग करने की बात है, तो इसमें मतभेद हैं। पारंपरिक तौर पर ये माना जाता रहा है कि गर्भवती महिलाओं को ज्यादा आराम करना चाहिए, लेकिन अब डॉक्टर रूटीन लाइफ में कुछ खास तरह के योग की सलाह देते हैं। इसे कई बॉलीवुड अभिनेत्रियां भी अमल में लेती नजर आई हैं।
सबसे नाजुक गर्भधारण के पहले तीन महीने
गर्भावस्था के पहले तीन महीने किसी भी गर्भवती महिला के लिए बहुत अहम होते हैं। इन दिनों में महिला के शरीर में बहुत से बदलाव आने लगते हैं, जैसे महिला के शरीर का आकार बढऩे लगता है। उसके साथ साथ महिला की स्किन में भी बहुत बदलाव आने लगते हैं। महिला के खाने के टेस्ट में फर्क आने लगता हैं। पहले तीन महीनो में पत्नी से ज्यादा पति को धैर्य रखना चाहिए। इन दिनों में ही कुछ महिलाओ को सबसे ज्यादा उल्टी की शिकायत रहती है। इन दिनों में महिला का वजन भी घटने लगता है, क्योकि बच्चा अपने इन दिनों में ही अपने अंगों को बनाते हैं। इन दिनों में महिला को अपना बहुत धयान रखना चाहिए, क्योंकि इन्ही दिनों में अबॉरशन की शिकायत सबसे ज्यादा होती है। पानी भरपूर मात्रा में पीना चाहिए और सबसे जरूरी बात इन दिनों में महिला और पुरुष को फिजिकल रिलेशन नहीं बनाना चाहिए।