राष्ट्रीय औसत के अनुसार कुल आबादी में 8 से 10 प्रतिशत में इस समय विटामिन की कमी बताई जा रही है। इसके अनुसार शहर में ही करीब 3 से 5 लाख लोग विटामिन की कमी के शिकार होने का अनुमान है। विशेषज्ञों के अनुसार विटामिन की कमी नर्वस सिस्टम, हड्डियों, आंख और इम्यून सिस्टम को प्रभावित करती है।
विटामिन की कमी से असर
वैशाली नगर निवासी रमन (30) को कमजोरी महसूस होती थी। साथ-साथ दर्द भी होने लगा। हृदय रोग की आशंका पर जांच करवाई तो रिपोर्ट सामान्य आई। फिर फिजिशियन की सलाह पर विटामिन की जांचें करवाईं तो विटामिन डी की मात्रा 10 मिली जो न्यूनतम आवश्यकता 20 की आधी ही थी।
वैशाली नगर निवासी रमन (30) को कमजोरी महसूस होती थी। साथ-साथ दर्द भी होने लगा। हृदय रोग की आशंका पर जांच करवाई तो रिपोर्ट सामान्य आई। फिर फिजिशियन की सलाह पर विटामिन की जांचें करवाईं तो विटामिन डी की मात्रा 10 मिली जो न्यूनतम आवश्यकता 20 की आधी ही थी।
भांकरोटा निवासी देव कुमार (33) को थकान, आंखों में दर्द और आलस की समस्या रहने लगी। उन्होंने इसे हृदय रोग समझा। डॉक्टर से परामर्श लेकर जांचें करवाई तो उनमें विटामिन बी 12 और विटामिन डी की कमी मिली। इलाज शुरू होने के बाद अब वह फिट हैं।
विटामिन बी 12: आंखों में समस्या, याददाश्त कमजोर होने, सांस में तकलीफ, हाथ-पैरों में झनझनाहट, थकान की समस्या होती है। विशेषज्ञों के अनुसार इसकी कमी अधिकांशत: शाकाहारी लोगों में होती है। इन्हें दूध, दही और इससे बने उत्पादों का अधिक उपयोग करना चाहिए।
विटामिन डी: बार-बार बीमार पड़ना, हड्डियों और जोड़ों में दर्द, थकान और सुस्ती, मूड खराब रहना इसके मुख्य लक्षण हैं। सुबह के समय गुनगुनी धूप का सेवन और फल, दूध, दही का सेवन किया जाना चाहिए।
विटामिन बी 12 और विटामिन डी की कमी से हड्डियों और मांसपेशियों में दर्द होता है। लोग इसे हृदय रोग समझते हैं। ओपीडी में रोजाना इस तरह के कई मामले आ रहे हैं। जांच में पता चलता है कि विटामिन की कमी के कारण उन्हें यह परेशानी हो रही है। डॉ.जी.एल.शर्मा, हृदय रोग विशेषज्ञ