वैलेंटाइंस डे पर फिजाओं में जहां प्यार की बरसात हो रही हैं, वहीं मन भी प्रसन्न है। ये दिन जितना कपल्स के लिए खास है, उतना ही हैल्थ के लिए भी है। वैलेंटाइंस डे प्यार वाला हार्मोन बढ़ाने का मौका देता है। आइए जानते हैं लव हार्मोन से जुड़ी रोचक जानकारियां।
विश्वास, स्नेह, सच्चाई और एक दूसरे के प्रति सकारात्मक रवैया। यही तो सही मायने में प्यार है और लव हार्मोन ऑक्सीटोसिन बढ़ाने के लिए सहायक भी। पहली बार मिलना या पहला स्पर्श तो प्यार के हॉर्मोन को बढ़ाता ही है। लेकिन कपल्स को यदि अपने आपसी रिलेशनशिप में हमेशा स्नेह को जिंदा रखता है, तो आपस में विश्वास बहुत ज्यादा जरूरी है।
ऑक्सीटोसिन हार्मोन न्यूरोट्रांसमीटर के रूप में कार्य करता है। यह प्रजनन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। महिलाओं में यह हार्मोन जहां प्रसव, तो पुरुषों में शुक्राणुओं को स्थानांतरित करने में मदद करता है।
हमारा शरीर प्राकृतिक रूप से आॅक्सीटोसिन का उत्पादन करता है। यह हाइपोथैलेमस द्वारा निर्मित होता है, जो पिट्यूटरी ग्रंथि से स्रावित होता है। ऑक्सीटोसिन, डोपामाइन और सेरोटोनिन को अक्सर हमारे "खुशहाल हार्मोन" के रूप में जाना जाता है।
जब आप किसी अन्य व्यक्ति के प्रति आकर्षित होते हैं, तो ब्रेन डोपामाइन छोड़ता है, आपके सेरोटोनिन का स्तर बढ़ जाता है और ऑक्सीटोसिन का उत्पादन होता है। इससे आपमें सकारात्मक भावना का संचार होता है। इससे तनाव और चिंता दूर होती है। शोध से यह भी सामने आया है कि ऑक्सीटोसिन ऑटिज्म से पीड़ित लोगों को सामाजिक संकेतों को बेहतर ढंग से समझने और उनका जवाब देने में मदद कर सकता है।