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दूषित पानी और खाने के द्वारा हमारे शरीर में साल्मोनेला टाइफी नाम बैक्टीरिया पहुँच जाते हैं। ये बैक्टीरिया पाचन तंत्र और खून के प्रवाह में अपना असर दिखाते है, जिससे टाइफाइड बुखार होता है। इसमें संक्रमित व्यक्ति का तापमान 104 डिग्री फारेनहाइट तक पहुंच जाता है। ऐसे में व्यक्ति को अंधविश्वासों से थोड़ी दूरी बनाकर उपचार लेना चाहिए।
Typhoid symptoms
टाइफाइड की सबसे बड़ी पहचान है बुखार आना सिरदर्द, पेट दर्द और उल्टी होना। इसमें से पेट दर्द और उल्टी जैसे लक्षण कई बार नहीं भी दिखाई देते। टाइफाइड में व्यक्ति को बदन दर्द होने के साथ ही बैचेनी भी रहती है। शरीर पर पसीना भी बहुत आता है। संक्रमित व्यक्ति की छाती पर हल्के-हल्के दाने दिखने लगते हैं।
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Typhoid treatment at home in hindi
योग गुरु रामदेव के अनुसार टाइफाइड के समय योग, प्राणायाम के साथ-साथ इस आयुर्वेदिक काढ़े का सेवन करने से मात्र 3 दिन में ही टाइफाइड सही हो जाता है और 7 दिन में आपकी बॉडी पूरी तरीके से रिकवर हो जाती है। आयुर्वेद विशेषज्ञों का कहना है कि दूध में तवे पर गर्म की हुई मुनक्का को पीने से भी फायदा होता है।
Typhoid ka kadha
टाइफाइड के समय इस काढ़ा का सेवन करते समय अपनी डाइट का भी खास ख्याल रखना होगा। आपको 3 दिन तक केवल काढ़ा और दिनभर चीकू का सेवन करना होगा। अगर चीकू नहीं मिले तो सेब या पपीता का सेवन करे। अगर यह भी नहीं मिले तो चावल और छिवले वाली मूंग की दाल में विभिन्न तरह की हरी सब्जियों को डालकर खिचड़ी बनाकर खा सकते हैं।
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How to make Kadha at home
स्वामी रामदेव के अनुसार टाइफाइड की समस्या से निजात पाने के लिए यह काढ़ा सदियों से इस्तेमाल किया जा रहा है। काढ़ा बनाने के लिए 400 ग्राम पानी में इन सभी सामग्री को डालकर धीमी आंच में पकाएं। जब पानी 100 ग्राम बचें तो इसे ठीक तरह से मैश करके पानी छान लें। इसके बाद इसका सेवन दिन में दो बार करें।
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