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Treatment of dizziness : अक्सर इन वजहों से आते हैं चक्कर, जानिए चक्कर आने के कारण और इलाज

Treatment of dizziness : अपने आसपास की चीजों को घूमता हुआ महसूस करने या चक्कर आने पर हम अपना संतुलन खो बैठते हंै और बेहोश हो जाते हैं। डॉक्टरों के मुताबिक दिमाग के पिछले हिस्से, कान के बीच या पैरों से मिलने वाले संवेदीतंत्र में खराबी होने से चक्कर आते हैं।

Oct 11, 2023 / 11:16 am

Manoj Kumar

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Treatment of dizziness : डॉक्टरों के मुताबिक दिमाग के पिछले हिस्से, कान के बीच या पैरों से मिलने वाले संवेदीतंत्र में खराबी होने से चक्कर आते हैं।

Treatment of dizziness : अपने आसपास की चीजों को घूमता हुआ महसूस करने या चक्कर आने पर हम अपना संतुलन खो बैठते हंै और बेहोश हो जाते हैं। डॉक्टरों के मुताबिक दिमाग के पिछले हिस्से, कान के बीच या पैरों से मिलने वाले संवेदीतंत्र में खराबी होने से चक्कर आते हैं। दिमाग को ऑक्सीजन व ग्लूकोज (brain needs oxygen and glucose) की जरूरत होती है और जब शरीर में इनकी कमी होने लगती है तो हमें चक्कर आते हैं।
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शरीर में पानी की कमी Body dehydration
जब शरीर में पानी की कमी हो जाती है तो व्यक्ति बेहोश हो सकता है। इसमें उल्टी, दस्त होना या लू लगना (vomiting, diarrhea or heatstroke) भी शामिल है। तेज धूप में अधिक देर तक खड़े रहने से भी व्यक्ति बेहोश हो सकता है। ऐसा शरीर से पसीना निकलने और पानी की कमी से होता है।
ये करें : रोजाना कम से कम 8 गिलास पानी पिएं (Drink at least 8 glasses of water daily) । घर से बाहर जाएं तो पानी की बोतल और सिर कवर करने के लिए स्कार्फ या कैप जरूर साथ लेकर जाएं। ऐसी सब्जियां खाएं जो प्राकृतिक रूप से पानी से समृद्ध हों जैसे पालक, मटर, मैथी आदि।
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मिर्गी से भी परेशानी Problem with epilepsy

मिर्गी रोग होने पर व्यक्ति को कभी भी चक्कर आ सकता है। इसमें उसके हाथ-पैर टेढ़े और मुंह से झाग निकलने लगते हैं।
ये करें: चक्कर आने पर मरीज को बाईं करवट से लिटा दें। उसके आसपास भीड़ इक_ी न करें ताकि वह खुली हवा में सांस ले सके। ऐसे में मरीज की जीभ कटने का डर रहता है इसलिए उसके मुंह में कपड़ा आदि डाल दें। जब व्यक्ति सामान्य हो जाए तो फौरन किसी न्यूरोलॉजिस्ट को दिखाएं।
डॉक्टरी सलाह से ही करें उपवास Fasting only with medical advice

लंबे समय तक उपवास करने या समय पर भोजन नहीं लेने से भी यह समस्या हो सकती है।
ये करें : Keep the glucose level normal ग्लूकोज लेवल सामान्य रखने के लिए आप फल खाएं और डॉक्टरी सलाह से ही उपवास करें।
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डायबिटीज में दें ध्यान Pay attention to diabetes
रोगी यदि अधिक समय तक भूखा रहे तो उसके शरीर में रक्त शर्करा का स्तर काफी गिर जाता है और वह बेहोश हो सकता है।

ये करें :

– थोड़े-थोड़े अंतराल में कुछ न कुछ खाते रहें।
– घर से बाहर जाएं तो चॉकलेट या टॉफी अपने पास जरूर रखें।
– सूजन या सिर पर चोट
– कई बार सिर पर लगी चोट भी बेहोशी का कारण बन सकती है। ब्रेन ट्यूमर, दिमाग में सूजन या मस्तिष्क में अन्य विकृति भी इसका कारण हो सकती है।

ये करें : सिर पर चोट से चक्कर आएं या दो साल के अंदर मिर्गी का दौरा पड़े तो न्यूरोलॉजिस्ट को दिखाकर पूरा इलाज कराएं। उनके द्वारा बताई गई जांचें कराएं ताकि सही इलाज हो सके। कई बार ब्लड प्रेशर तेजी से गिरने और गंभीर स्तर पर आने से भी व्यक्ति बेहोश हो सकता है।
-डॉ. एस. अरोड़ा
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चक्कर आने के कारण Causes of Dizziness : सिर चकराने और चक्कर आने के कई कारण हो सकते हैं। वे इस प्रकार हैं –

– रक्तचाप में कमी के कारण मस्तिष्क को रक्त या ऑक्सीजन की अस्थायी अपर्याप्त आपूर्ति।
– उल्टी, दस्त, बुखार और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के कारण गंभीर निर्जलीकरण।
– पार्किंसंस रोग और मल्टीपल स्केलेरोसिस
– ऊंचाई की बीमारी
– सामान्य जुकाम और फ्लूएलर्जी
– कम रक्त दबाव(हाइपोग्लाइसीमिया) निम्न रक्त शर्करा
– तनाव या पैनिक अटैक
– असामान्य हृदय ताल
– आघात
– आंतरिक रक्तस्राव
– गंभीर खून की कमी
– दवाओं के दुष्प्रभाव
– निकोटीन या तंबाकू उत्पाददवाओं का उपयोग
– भीतरी कान की समस्या
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चक्कर आने का इलाज dizziness treatment
– चक्कर आने की समस्या को नीचे दिए गए विकल्पों से दूर किया जा सकता है
– बहुत सारा पानी या अन्य तरल पदार्थ पीना। पानी का नशा होने पर पानी के सेवन से बचें।
– इलेक्ट्रोलाइट्स युक्त तरल पदार्थ पिएं
– यदि मतली या उल्टी की भावना के कारण शराब पीना संभव नहीं है, तो रिंगर्स लैक्टेट जैसे अंतःशिरा तरल पदार्थों की सिफारिश की जाती है।
– कुछ मीठा खाने या पीने की कोशिश करें और कुछ देर लेट जाएं या आराम करें।
– बैठने या लेटने के दौरान आसन में अचानक बदलाव से बचनाचमकदार रोशनी से बचना
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हल्केपन के अधिक गंभीर मामलों के लिए, या यदि चक्कर की भावना लंबे समय तक रहती है; तो निम्न उपचार की आवश्यकता हो सकती है –

– चिंता, मतली या माइग्रेन के लिए दवाएं
– पानी की गोलियाँ
– कम नमक वाला आहार
– बैलेंस थेरेपी जैसे वेस्टिबुलर रिहैबिलिटेशन (आपके शरीर की संतुलन प्रणाली को उचित और अचानक गति के प्रति कम संवेदनशील रखने के लिए व्यायाम)।
– चिंता विकार को कम करने के लिए मनोचिकित्सा
– कई बार भीतरी कान की समस्या भी संतुलन की समस्या पैदा कर सकती है।
– समस्याग्रस्त आंतरिक कान के लिए एंटीबायोटिक इंजेक्शन का सुझाव दिया जाता है।
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डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।

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