यह भी पढ़े: सर्दी बढ़ने के साथ ही बढ़ने लग जाती है गजक की मांग, तिल- गुड़ का मिश्रण स्वास्थ्य के लिए लाभदायक मिलेगी आमजन को राहत
राज्य में कुछ शहरों में तापमान बढ़ने से लोगों को कोल्ड-डे की स्थिति से राहत मिलेगी। सीकर, चूरू, पिलानी, फतेहपुर, माउंटआबू,बीकानेर, श्रीगंगानगर प्रदेश में सबसे ठंडी जगहों में शुमार रह चुके हैं। मौसम विभाग के मुताबिक गुरुवार—शुक्रवार को उत्तर-पश्चिमी राजस्थान के कुछ हिस्सों में एक बार फिर घना कोहरा छाने और 31 दिसंबर तक न्यूनतम तापमान में और गिरावट आने की प्रबल संभावना है। जनवरी के पहले सप्ताह में राज्य के शीतलहर के एक नए दौर का सामना करने का पूर्वानुमान है।
राज्य में कुछ शहरों में तापमान बढ़ने से लोगों को कोल्ड-डे की स्थिति से राहत मिलेगी। सीकर, चूरू, पिलानी, फतेहपुर, माउंटआबू,बीकानेर, श्रीगंगानगर प्रदेश में सबसे ठंडी जगहों में शुमार रह चुके हैं। मौसम विभाग के मुताबिक गुरुवार—शुक्रवार को उत्तर-पश्चिमी राजस्थान के कुछ हिस्सों में एक बार फिर घना कोहरा छाने और 31 दिसंबर तक न्यूनतम तापमान में और गिरावट आने की प्रबल संभावना है। जनवरी के पहले सप्ताह में राज्य के शीतलहर के एक नए दौर का सामना करने का पूर्वानुमान है।
यह भी पढ़े: विंटर वेकेशन और न्यूईयर सेलिब्रेशन के लिए हवाई सफर महंगा, किराया हुआ दोगुना क्या है पश्चिमी विक्षोभ
आईएमडी के मुताबिक भारतीय उपमहाद्वीप के उत्तरी इलाक़ों में सर्दियों के मौसम में आने वाले ऐसे तूफान को पश्चिम विक्षोभ कहते हैं। यह वायुमंडल की ऊंची तहों में भूमध्य सागर, अन्ध महासागर या अटलांटिक महासागर और कुछ हद तक कैस्पियन सागर से नमी लाकर उसे अचानक वर्षा और बर्फ के रूप में उत्तर भारत, पाकिस्तान व नेपाल पर गिरा देता है। उत्तर भारत में रबी की फसल के लिए विशेषकर गेंहू के लिए यह लाभकारी होता है।
आईएमडी के मुताबिक भारतीय उपमहाद्वीप के उत्तरी इलाक़ों में सर्दियों के मौसम में आने वाले ऐसे तूफान को पश्चिम विक्षोभ कहते हैं। यह वायुमंडल की ऊंची तहों में भूमध्य सागर, अन्ध महासागर या अटलांटिक महासागर और कुछ हद तक कैस्पियन सागर से नमी लाकर उसे अचानक वर्षा और बर्फ के रूप में उत्तर भारत, पाकिस्तान व नेपाल पर गिरा देता है। उत्तर भारत में रबी की फसल के लिए विशेषकर गेंहू के लिए यह लाभकारी होता है।