माता—पिता बच्चों को टिफिन की बजाय पैसे देते हैं
व्यस्त माता-पिता भी टिफिन के बजाय पैसे देते हैं। इसके अलावा उन पर अच्छा प्रदर्शन करने का काफी दबाव है। इसका उद्देश्य कक्षा 4 या 5 से ही चिकित्सा या इंजीनियरिंग जैसे पेशे पर निर्णय लेना है। हमारे समय में यह सारा दबाव कक्षा 10 के बाद ही आता था।
व्यस्त माता-पिता भी टिफिन के बजाय पैसे देते हैं। इसके अलावा उन पर अच्छा प्रदर्शन करने का काफी दबाव है। इसका उद्देश्य कक्षा 4 या 5 से ही चिकित्सा या इंजीनियरिंग जैसे पेशे पर निर्णय लेना है। हमारे समय में यह सारा दबाव कक्षा 10 के बाद ही आता था।
डायबिटीज समाज के लिए खतरा डॉक्टरों का कहना है कि बच्चों को डायबिटीज होना न सिर्फ परिवारों, बल्कि समाज के लिए भी बहुत बड़ी समस्या रही है। इससे परिवारों में डायबिटीज का इतिहास बन रहा है और आगे आने वाली पीढ़ी भी प्रभावित हो रही है। यह रोग 17 वर्ष से 40 वर्ष के बीच व्यक्ति को सबसे ज्यादा प्रभावित करता है। आंकड़ों पर नजर डालें तो यूपी में 18 प्रतिशत आबादी, चाहे वह किसी भी उम्र की हो, उसे मधुमेह का खतरा है। ईसीएमआर के अध्ययन के अनुसार वे प्री डायबिटीज श्रेणी में आते हैं। वे अभी भी मधुमेह को होने से रोक सकते हैं, लेकिन इसके लिए उनकी जीवनशैली और खान-पान में बदलाव की जरूरत है।