प्रकृति में वक्त बिताने से Emotional well-being, खुशी और जिंदगी से संतुष्टि मिलती है. इसे Ecotherapy (इकोथेरेपी) भी कहते हैं. इसमें अच्छी मानसिक सेहत के लिए प्रकृति में वक्त बिताने पर ज़ोर दिया जाता है. अब हम देखें कि प्रकृति रहने से मानसिक सेहत कैसे अच्छी होती है.
सूर्य की रोशनी नींद अच्छी आने में मदद करती है. ज्यादा समय घर के अंदर बंद रहने से Seasonal depression (सीजनल डिप्रेशन) हो सकता है. इसलिए धूप में वक्त बिताना फायदेमंद होता है. एक्स्पर्ट्स का कहना है कि प्रकृति में घूमने से मानसिक सेहत अच्छी रहती है. इससे तनाव, घबराहट और डिप्रेशन कम होता है.
अपने घर को डिज़ाइन करते समय प्रकृति का ध्यान रखें. बड़ी खिड़कियाँ या हरियाली वाला गार्डन हो तो अच्छा रहता है. इससे आप आसानी से प्रकृति के संपर्क में रह सकते हैं.
घर की सजावट में भी प्राकृतिक चीज़ों का इस्तेमाल करें. इससे घर में शांति का माहौल बनता है. आप प्राकृतिक चीज़ों की तस्वीरें या डिज़ाइन का इस्तेमाल कर सकते हैं. मानसिक सेहत के लिए प्रकृति से जुड़ाव ज़रूरी है. आप ट्रैकिंग कर सकते हैं, गार्डनिंग कर सकते हैं या पार्क में घूम सकते हैं. प्रकृति में ध्यान लगाने से भी मन शांत होता है.
– प्रकृति में रहने से डिप्रेशन का खतरा कम होता है और दिमाग़ तेज होता है.
– बाहर घूमने से दोस्तों और परिवार के साथ अच्छा वक्त गुज़रता है.
– रोज़ाना बाहर निकलने से नींद अच्छी आती है.
– बाहर घूमने से दोस्तों और परिवार के साथ अच्छा वक्त गुज़रता है.
– रोज़ाना बाहर निकलने से नींद अच्छी आती है.