scriptडेंगू मरीजों के साथ प्लेटलेट्स की मांग भी बढ़ी | Patrika News
स्वास्थ्य

डेंगू मरीजों के साथ प्लेटलेट्स की मांग भी बढ़ी

रेड क्रॉस ब्लड बैंक सब-कमेटी के निदेशक टी.एन. रवि कुमार ने बताया कि रेड क्रॉस सोसाइटी के ब्लड बैंकों में एसडीपी की मांग ज्यादा है। पिछले महीने तक यह 30 से बढ़कर अब 45 से ज्यादा हो गई है। ज्यादातर लाभान्वित डेंगू के मरीज हैं।

बैंगलोरJul 08, 2024 / 08:10 pm

Nikhil Kumar

-फिलहाल कोई कमी नहीं

Bengaluru सहित Karnataka में डेंगू का डंक चिंताजनक रूप ले चुका है। बीते कुछ दिनों से प्रतिदिन करीब 150 नए मामले सामने आ रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार छह मरीजों की मौत हुई है। डेंगू बुखार Dengue Fever में प्लेटलेट्स काफी तेजी से घटते हैं। अगर पहले से कोई बीमारी हो तो प्लेटलेट्स स्तर पर विशेष ध्यान देने की जरूरत पड़ती है। गंभीर मामलों में प्लेटलेट्स चढ़ाने की जरूरत पड़ती है। मरीज की स्थिति के अनुसार चिकित्सक इसका निर्णय लेते हैं। राज्य में डेंगू के मरीजों का आंकड़ा 7,000 के पार पहुंच गया है। 350 से ज्यादा मरीज विभिन्न अस्पतालों में उपचाराधीन हैं। हर बार की तरह इस बार भी प्लेटलेट्स की मांग बढ़ी है, लेकिन स्थिति नियंत्रण में है। चिकित्सकों व ब्लड बैंकों के अनुसार फिलहाल प्लेटलेट्स की कोई कमी नहीं है।
अब 20 नहीं 30 यूनिट की जरूरत

शहर के ज्यादातर ब्लड बैंकों के अनुसार प्रतिदिन कम-से-कम 30 रैंडम डोनर प्लेटलेट (आरडीपी) यूनिट Random donor platelets Unit की जरूरत पड़ रही है। आम तौर पर औसतन प्रतिदिन 20 यूनिट की जरूरत होती है। गंभीर मरीजों के लिए जरूरी सिंगल डोनर प्लेटलेट (एसडीपी) यूनिट Single donor platelet unit की जरूरत भी दो या तीन से बढ़कर प्रतिदिन सात या आठ हो गई है।
ज्यादातर लाभान्वित डेंगू के मरीज

रेड क्रॉस ब्लड बैंक सब-कमेटी के निदेशक टी.एन. रवि कुमार ने बताया कि रेड क्रॉस सोसाइटी के ब्लड बैंकों में एसडीपी की मांग ज्यादा है। पिछले महीने तक यह 30 से बढ़कर अब 45 से ज्यादा हो गई है। ज्यादातर लाभान्वित डेंगू के मरीज हैं। आरडीपी की मांग को पूरा करने में दिक्कत नहीं है। रक्तदान शिविरों के जरिए इकट्ठा किया गया ताजा फ्रोजन प्लाज्मा स्टॉक है, लेकिन एसडीपी के लिए प्लाज्मा निकालने की जरूरत होती है।
शेल्फ लाइफ पांच दिन

उन्होंने कहा कि प्लेटलेट्स की अधिकतम शेल्फ लाइफ पांच दिन होती है, इसलिए प्रयोगशालाएं आमतौर पर रक्त को केवल तभी संसाधित करती हैं जब इसकी आवश्यकता होती है। वर्तमान स्थिति में, प्रयोगशालाएं प्रतीक्षा समय को कम करने के लिए रक्त को एकत्रित होने पर ही संसाधित कर रही हैं। रक्त लेने के छह घंटे के भीतर प्लेटलेट्स को संसाधित करना होता है। रोटरी बेंगलूरु टीटीके ब्लड सेंटर के चिकित्सा अधिकारी नरसिंहस्वामी एल. ने कहा कि प्लेटलेट्स की मांग लगभग 30 फीसदी बढ़ी है। आपूर्ति बाधित नहीं हुई है।
हर मामले में प्लेटलेट्स चढ़ाने की जरूरत नहीं

ज्यादातर बड़े अस्पतालों के चिकित्सकों के अनुसार पिछले दो हफ्तों में प्लेटलेट्स के इस्तेमाल में 25 फीसदी वृद्धि हुई है। दिशा-निर्देशों के अनुसार, प्लेटलेट्स चढ़ाने की आवश्यकता केवल तभी होती है जब गिनती 10,000 प्रति माइक्रोलीटर से कम हो जाती है या मरीज को रक्तस्राव हो रहा हो। कई मामलों में गिनती 10,000 से कम होने पर भी प्लेटलेट्स चढ़ाने की जरूरत नहीं पड़ती है।
महीने में दो बार कर सकते हैं दान

प्लेटलेट्स दान Platelet donation करने के लिए बहुत से लोग आगे आ रहे हैं। एक स्वस्थ व्यक्ति जिसका प्लेटलेट्स काउंट Platelet count 1.5 लाख या उससे ज्यादा है, वह महीने में दो बार और साल में 24 बार तक प्लेटलेट्स दान सकता है। दान की पूर्ति 48 घंटों में हो जाती है।

Hindi News/ Health / डेंगू मरीजों के साथ प्लेटलेट्स की मांग भी बढ़ी

ट्रेंडिंग वीडियो