हाल ही में हुए एक अध्ययन में पाया गया है कि केवल एक ही सप्लीमेंट खून थक्के बनने की संभावना को 63% तक बढ़ा सकता है। ये सप्लीमेंट है टेस्टोस्टेरोन हार्मोन सप्लीमेंट।
शरीर में विटामिन, मिनरल्स और हार्मोंस की कमी को पूरा करने के लिए अधिकतर ही उसके सप्लीमेंट का लोग प्रयोग करते हैं, लेकिन क्या आपको ता है कि नेचुरली विटामिन-मिनरल्स या हार्मोंस को बढ़ाना सेहतमंद होता है, लेकिन सप्लीमेंट के जरिये इनकी पूर्ति शरीर को कई बार बीमारियों का शिकार भी बना देती है?
शरीर में विटामिन, मिनरल्स और हार्मोंस की कमी को पूरा करने के लिए अधिकतर ही उसके सप्लीमेंट का लोग प्रयोग करते हैं, लेकिन क्या आपको ता है कि नेचुरली विटामिन-मिनरल्स या हार्मोंस को बढ़ाना सेहतमंद होता है, लेकिन सप्लीमेंट के जरिये इनकी पूर्ति शरीर को कई बार बीमारियों का शिकार भी बना देती है?
ये सप्लीमेंट है टेस्टोस्टेरोन हार्मोन बढ़ने के लिए यूज होने वाली दवा। शरीर में जब टेस्टोस्टेरोन की कमी होती है तो कई बार टेस्टोस्टेरोन बूस्टर दिया जाता है या लोग खुद ही उसे लेने लगते हैं।
टेस्टोस्टेरोन हार्मोन सप्लीमेंट की जरूरत क्यों होती है
टेस्टोस्टेरोन हार्मोन पुरुषों में आम तौर पर कामेच्छा की कमी शीघ्रपतन, एकाग्रता में कमी, शारीरिक कमजोरी, मांसपेशियों की कमजोरी, स्मृति दोष या उदासी को दूर करने के लिए दी जाती है। कई मामलो में महिलाओं को भी ये तब दी जाती है जब वह सेक्सुअली एक्टिव नहीं होती ह्रैं। टेस्टोस्टेरोन हार्मोन यौन क्षमता का विकास के साथ शरीर को नियंत्रित रखता है।
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टेस्टोस्टेरोन हार्मोन सप्लीमेंट की जरूरत क्यों होती है
टेस्टोस्टेरोन हार्मोन पुरुषों में आम तौर पर कामेच्छा की कमी शीघ्रपतन, एकाग्रता में कमी, शारीरिक कमजोरी, मांसपेशियों की कमजोरी, स्मृति दोष या उदासी को दूर करने के लिए दी जाती है। कई मामलो में महिलाओं को भी ये तब दी जाती है जब वह सेक्सुअली एक्टिव नहीं होती ह्रैं। टेस्टोस्टेरोन हार्मोन यौन क्षमता का विकास के साथ शरीर को नियंत्रित रखता है।
टेस्टोस्टेरोन सप्लीमेंट के नुकसान
टेस्टोस्टेरोन की कमी दूर करने वाली सप्लीमेंट दवाएं सीधे ब्लड सर्कुलेशन पर असर दिखाती हैं और खून कई बार इनसे बेहद गाढ़ा हो जाता है और थक्के भी बनने लगते है। ये थक्के ब्डल सर्कुलेशन को रोकते हैं और कहीं भी बन सकते हैं। इससे हार्ट अटैक, स्ट्रोक और पैराइलसिस का खतरा बढ़ता है। इन दवाओं से 63 प्रतिशत बढ़ ब्लड क्लाटिंग की संभावना बढ़ जाती है।
टेस्टोस्टेरोन की कमी दूर करने वाली सप्लीमेंट दवाएं सीधे ब्लड सर्कुलेशन पर असर दिखाती हैं और खून कई बार इनसे बेहद गाढ़ा हो जाता है और थक्के भी बनने लगते है। ये थक्के ब्डल सर्कुलेशन को रोकते हैं और कहीं भी बन सकते हैं। इससे हार्ट अटैक, स्ट्रोक और पैराइलसिस का खतरा बढ़ता है। इन दवाओं से 63 प्रतिशत बढ़ ब्लड क्लाटिंग की संभावना बढ़ जाती है।
अगर आप टेस्टोस्टेरोन हार्मोन सप्लीमेंट का उपयोग कर रहे हैं, तो आपको निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए: – अपने डॉक्टर से सलाह लें कि क्या यह सप्लीमेंट आपके लिए सुरक्षित है।
– सप्लीमेंट का उपयोग करने से पहले अपने डॉक्टर को अपनी सभी वर्तमान दवाओं के बारे में बताएं।
– सप्लीमेंट का उपयोग करते समय अपने रक्तचाप और अन्य स्वास्थ्य स्थितियों की निगरानी करें।
– सप्लीमेंट का उपयोग करने से पहले अपने डॉक्टर को अपनी सभी वर्तमान दवाओं के बारे में बताएं।
– सप्लीमेंट का उपयोग करते समय अपने रक्तचाप और अन्य स्वास्थ्य स्थितियों की निगरानी करें।
शोधकर्ताओं का कहना है कि टेस्टोस्टेरोन हार्मोन सप्लीमेंट का उपयोग करने से पहले लोगों को डॉक्टर से बात करनी चाहिए। विशेष रूप से, उन लोगों को जिन्हें खून के थक्के बनने का खतरा अधिक होता है, जैसे कि धूम्रपान करने वालों, मोटे लोगों, और उच्च रक्तचाप वाले लोगों को टेस्टोस्टेरोन हार्मोन सप्लीमेंट का उपयोग करने से बचना चाहिए।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।
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