इसमें अफ्रीका और एशिया के 6 लाख से ज्यादा लोगों पर शोध किया गया.
नतीजों के अनुसार, 82.8% टीबी (TB) मरीजों में लगातार खांसी नहीं थी और 62.5% को तो बिल्कुल भी खांसी नहीं थी.
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क्यों जरूरी है बदलाव?
अगर 80% से ज्यादा मरीजों में खांसी (Cough) नहीं होती, तो बहुत सारे मामले छूट सकते हैं.
इससे टीबी (TB) का इलाज देरी से होगा और बीमारी फैलने का खतरा भी बढ़ जाएगा.
अध्ययनकर्ताओं का कहना है कि टीबी के निदान के लिए नए तरीकों को अपनाना जरूरी है, खासकर एक्स-रे जांच और नये सस्ते टेस्ट विकसित करने पर ध्यान देना चाहिए.