क्या है कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के लक्षण : Symptoms of increased cholesterol
हाथ पैर में करंट जैसा महसूस जब रक्त में कोलेस्ट्रॉल (Symptoms of increased cholesterol) का स्तर अत्यधिक बढ़ जाता है, तो यह शरीर की रक्त वाहिकाओं में रुकावट पैदा कर सकता है, जिससे वे अवरुद्ध हो जाती हैं। ऐसे व्यक्तियों को अक्सर हाथों और पैरों में झनझनाहट या करंट जैसा अनुभव होता है। कुछ लोगों को इसके साथ दर्द भी महसूस होता है। यह स्थिति तब उत्पन्न होती है जब आपके शरीर की पेरिफेरल नसों तक पर्याप्त ऑक्सीजन और पोषक तत्वों से युक्त रक्त नहीं पहुंच पाता। असामान्य हृदय गति का बढ़ना कई बार व्यायाम करने के बाद, सीढ़ियाँ चढ़ने-उतरने के दौरान, या किसी भारी शारीरिक गतिविधि के बाद आपके दिल की धड़कन तेज हो सकती है। ऐसे में आपको अपने कोलेस्ट्रॉल का परीक्षण अवश्य कराना चाहिए। असामान्य हृदय गति को कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के संकेतों में से एक माना जाता है, जिसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। यह स्थिति हार्ट अटैक या अन्य हृदय संबंधी बीमारियों के जोखिम को बढ़ा सकती है।
लगातार वजन का बढ़ना तेजी से वजन में वृद्धि हाई कोलेस्ट्रॉल का एक प्रमुख संकेत हो सकता है। हालांकि, यदि कोई व्यक्ति हमेशा से सामान्य वजन का रहा है, तो यह हार्मोनल समस्या का संकेत हो सकता है। विशेष रूप से ध्यान देने योग्य है जब अचानक बिना किसी स्पष्ट कारण के आपका वजन लगातार बढ़ता है और आपको हमेशा भारीपन का अनुभव होता है। यह स्थिति हाई कोलेस्ट्रॉल (Symptoms of increased cholesterol) स्तर की ओर इशारा कर सकती है।
जल्दी थकान का होना अगर आप किसी भी गतिविधि के दौरान जल्दी थकान महसूस करते हैं, तो यह सामान्य स्थिति नहीं है, जैसा कि अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन ने बताया है। विशेष रूप से, यदि थोड़ी दूरी तय करने पर ही थकान या सांस फूलने की समस्या होती है, तो यह आपके शरीर में उच्च कोलेस्ट्रॉल का संकेत हो सकता है। ऐसे में, आपको अपने कोलेस्ट्रॉल स्तर की जांच कराना आवश्यक है।
पसीना ज्यादा आना पसीना आना सामान्य प्रक्रिया है, लेकिन यदि बिना किसी शारीरिक गतिविधि के अत्यधिक पसीना आ रहा है, तो यह शरीर में कोलेस्ट्रॉल (Symptoms of increased cholesterol) स्तर के बढ़ने का संकेत हो सकता है। अधिक पसीना आने को सामान्य मानकर अनदेखा नहीं करना चाहिए। तुरंत अपने कोलेस्ट्रॉल की जांच करवाना आवश्यक है।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।