ईयर केयर के बारे में बता रहे हैं डॉ. शुभकाम आर्य क्यों होती है यह समस्या नाक बन्द रहने या जुकाम रहने पर नाक व कान के मध्य स्थित यूस्टेकियन ट्यूब के ठीक से कार्य न करने से कान के अंदरुनी हिस्से पर दुष्प्रभाव पड़ने लगता है। यह ट्यूब बच्चों में सीधी होती है जिससे बड़ों की तुलना में कान को प्रभावित करने की आशंका इनमें ज्यादा रहती है। फिर किसी भी आयु के व्यक्ति में नाक व गले का संक्रमण कान में पहुंच सकता है। कान में अचानक दर्द होता है। इसके कारण कान में न केवल भारीपन रहने लगता है बल्कि संक्रमण बढ़ने पर कान बहना शुरू हो जाता है। इसलिए जुकाम की अनदेखी न करें।
इनका रखें ख्याल कान को ठीक रखने के लिए जरूरी है कि जुकाम से बचें। बच्चों में जुकाम की समस्या है उसकी अनदेखी न करें। समय पर इलाज लें। एलर्जी नियंत्रण के लिए धूल, धुआं और अन्य एलर्जन से बचें। बच्चों को फ्रिज में रखी चीजें खाने को न दें। अभी ठंडे फर्श पर नंगे पैर ना रहने दें। कान में कोई द्रव्य जैसे गर्म तेल आदि न डालें। कान को सूखा रखें, इसमे पानी न जाने दें। कोई समस्या है तो डॉक्टर को दिखाकर ही इलाज लें।