Surgical Infections : संक्रमण की दर अमीर देशों से कई गुना ज्यादा
अध्ययन के अनुसार, भारत में एसएसआई की दर कई उच्च आय वाले देशों की तुलना में काफी अधिक है। जहां अमीर देशों में यह दर 1.2% से 5.2% तक सीमित है, वहीं भारत में हड्डियों और मांसपेशियों से संबंधित सर्जरी के मामलों में यह दर 54.2% तक पहुंच गई।Surgical Infections : हर साल प्रभावित होते हैं 15 लाख मरीज
सर्जरी के बाद हर साल करीब 15 लाख मरीज इस संक्रमण की चपेट में आते हैं। इसका मुख्य कारण बैक्टीरिया का ऑपरेशन के दौरान लगाए गए चीरे पर पहुंच जाना है, जो न केवल स्वास्थ्य समस्याएं पैदा करता है बल्कि इलाज की लागत और अस्पताल में रहने की अवधि भी बढ़ा देता है। यह भी पढ़ें : Milk tea with sugar Side effects : खाली पेट दूध वाली चाय में शक्कर के साइड इफेक्ट्स
तीन अस्पतालों में किया गया अध्ययन
यह अध्ययन नई दिल्ली के जयप्रकाश नारायण एपेक्स ट्रॉमा सेंटर, मणिपाल के कस्तूरबा अस्पताल और मुंबई के टाटा मेमोरियल अस्पताल में किया गया। इसमें 3,020 मरीजों को शामिल किया गया और उनकी छह महीने तक निगरानी की गई।एसएसआई निगरानी नेटवर्क की शुरुआत
देश में पोस्ट-डिस्चार्ज एसएसआई के मामलों पर कोई सटीक डेटा नहीं था। इस कमी को दूर करने के लिए आईसीएमआर ने एसएसआई निगरानी नेटवर्क लॉन्च किया है। इसका उद्देश्य संक्रमण से जुड़े जोखिमों का बेहतर आंकलन करना और इसे रोकने के लिए कारगर कदम उठाना है।एसएसआई के कारण बढ़ती समस्याएं
एसएसआई से प्रभावित मरीजों को न केवल लंबे समय तक अस्पताल में रहना पड़ता है, बल्कि उनकी चिकित्सा लागत भी बढ़ जाती है। इससे न केवल मरीजों और उनके परिवारों पर वित्तीय बोझ बढ़ता है, बल्कि अस्पतालों की व्यवस्था पर भी दबाव पड़ता है। यह भी पढ़ें : Onion dipped in vinegar : सिरके वाली प्याज खाने से दूर होंगी ये 5 स्वास्थ्य समस्याएं
Surgical Infections : संक्रमण रोकने के लिए जरूरी कदम
- सर्जरी से पहले संक्रमण नियंत्रण प्रोटोकॉल अपनाना।
- स्वास्थ्यकर्मियों को जागरूक और प्रशिक्षित करना।
- मरीजों की बेहतर निगरानी और समय पर उपचार।स्वच्छता मानकों को सख्ती से लागू करना।