विशेषज्ञों का कहना है कि उत्तर प्रदेश की अनुकूल जलवायु और मिट्टी इन रंगीन फूलगोभी को उगाने के लिए एक आदर्श वातावरण बनाती है. ये न सिर्फ देखने में सुंदर हैं, बल्कि इनमें आवश्यक विटामिन, खनिज और एंटीऑक्सीडेंट भी भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं, जो उपभोक्ताओं को महत्वपूर्ण पोषण प्रदान करते हैं.
इस शोध को विश्वविद्यालय के सब्जी विभाग द्वारा आगे बढ़ाया जा रहा है. राज्य के किसान जल्द ही इन अनोखी फूलगोभी किस्मों के बीज प्राप्त करने की उम्मीद कर सकते हैं, जिससे वे अपनी फसलों को विविधता प्रदान कर सकते हैं और पोषण और आर्थिक अवसरों, दोनों को बढ़ा सकते हैं.
विभाग प्रमुख, सब्जियां, डॉ राम बटुक सिंह ने बताया कि ये किस्में, जिन्हें करोटिना और वेलेंटीना के नाम से जाना जाता है, आकर्षक रंगों को प्रदर्शित करती हैं, जिनमें करोटिना पीला और वेलेंटीना बैंगनी रंग का होता है.
ऑस्ट्रेलिया से आयात किए गए बीजों का विश्वविद्यालय के खेतों में व्यापक परीक्षण किया गया, जो स्थानीय जलवायु और मिट्टी की स्थिति के अनुकूल थे. उन्होंने कहा कि इन फूलगोभी की खेती, बिना कीटनाशकों और रसायनों के, ने उपज में काफी सुधार दिखाया है, जो कानपुर और पूरे राज्य के किसानों के लिए उपयुक्त साबित हो रही है.
(आईएएनएस)