रिपोर्ट में बताया गया है कि खोज इंजन पर खुद को चोट पहुंचाने से जुड़े शब्दों को सर्च करने पर पांच में से एक बार (22 प्रतिशत) नतीजे ऐसे आते हैं जो खुद को चोट पहुंचाने, आत्महत्या या खाने के विकारों को बढ़ावा देते हैं। यहां तक कि पहले पन्ने पर भी 19 प्रतिशत नतीजे ऐसे ही होते हैं।
खासकर तस्वीरों को सर्च करते समय यह खतरा और भी ज्यादा बढ़ जाता है। 50 प्रतिशत तस्वीरें ऐसी होती हैं जो खुद को चोट पहुंचाने को सही ठहराती हैं। शब्दों को थोड़ा बदलकर सर्च करने पर भी ऐसे नतीजे मिलने का खतरा छह गुना बढ़ जाता है।
रिपोर्ट में खोज इंजनों से बच्चों को ऐसी हानिकारक सामग्री से बचाने के लिए कदम उठाने की मांग की गई है। मुख्य बातें: – सर्च इंजन पर खुद को चोट पहुंचाने को बढ़ावा देने वाली सामग्री आसानी से मिल रही है।
– इससे बच्चों को खुद को नुकसान पहुंचाने और आत्महत्या का खतरा बढ़ सकता है।
– सर्च इंजनों से बच्चों को ऐसी सामग्री से बचाने के लिए कदम उठाने की मांग की गई है।
आप क्या कर सकते हैं?
– इससे बच्चों को खुद को नुकसान पहुंचाने और आत्महत्या का खतरा बढ़ सकता है।
– सर्च इंजनों से बच्चों को ऐसी सामग्री से बचाने के लिए कदम उठाने की मांग की गई है।
आप क्या कर सकते हैं?
– अपने बच्चों से बात करें और उन्हें इंटरनेट पर सुरक्षित रहने के तरीके बताएं।
– उन्हें बताएं कि किन शब्दों को सर्च नहीं करना चाहिए और किन वेबसाइटों पर नहीं जाना चाहिए।
– अगर आपको लगता है कि आपका बच्चा खुद को चोट पहुंचाने के बारे में सोच रहा है, तो मदद लें। आप किसी – डॉक्टर, शिक्षक या काउंसलर से बात कर सकते हैं।
– उन्हें बताएं कि किन शब्दों को सर्च नहीं करना चाहिए और किन वेबसाइटों पर नहीं जाना चाहिए।
– अगर आपको लगता है कि आपका बच्चा खुद को चोट पहुंचाने के बारे में सोच रहा है, तो मदद लें। आप किसी – डॉक्टर, शिक्षक या काउंसलर से बात कर सकते हैं।