चार अलग-अलग घटनाओं में, वाराणसी (यूपी) के एक जिम में बुधवार को 32 साल के एक आदमी की मौत हो गई. वहीं, राजकोट में 17 साल के एक नाबालिग की मौत हो गई. हनुमान मढ़ी चौक इलाके में रहने वाले 40 साल के एक आदमी को गुरुवार को दिल का दौरा पड़ा और उनकी मौत हो गई. गुजरात के नवसारी में 34 साल के एक शख्स की बाइक चलाते समय दिल का दौरा पड़ा और उनकी मौत हो गई.
एक्सरसाइज शुरू करते हैं, तो इसे धीरे-धीरे बढ़ाना चाहिए
पीएसआरआई अस्पताल में इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजी के सीनियर कंसल्टेंट और हेड डॉक्टर मनीष अग्रवाल का कहना है कि “जब भी हम जिम या एक्सरसाइज शुरू करते हैं, तो इसे धीरे-धीरे बढ़ाना चाहिए. शुरुआत में कम समय से एक्सरसाइज करें और फिर धीरे-धीरे इसे अपनी क्षमता के अनुसार बढ़ाएं.” उन्होंने बताया कि डॉक्टर की जांच से कोरोनरी आर्टरी डिजीज, डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, दिल की बीमारी का पारिवारिक इतिहास जैसी किसी भी जोखिम की पहचान हो सकती है. इससे किसी भी अप्रिय घटना को रोका जा सकता है.
देश में दिल का दौरा पड़ने के मामलों के बढ़ने के पीछे धूम्रपान, अस्वस्थ जीवनशैली, जंक फूड का ज्यादा सेवन और व्यायाम की कमी जैसे कारण हैं.
गरबा कार्यक्रमों के दौरान कई लोग बेहोश हो गए थे
पिछले साल गुजरात में नवरात्रि के गरबा कार्यक्रमों के दौरान कई लोग बेहोश हो गए थे और कम से कम 10 लोगों की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई थी. इनमें सबसे कम उम्र का शख्स सिर्फ 17 साल का था. हालांकि दिल का दौरा पहले से होता आया है, लेकिन कोविड वायरस और वैक्सीन को भी इसके जोखिम कारक के रूप में माना जा रहा है. इन मौतों के बीच खबर है कि ब्रिटिश दवा कंपनी अस्ट्राजेनेका ने माना है कि कोविड वैक्सीन (जिसे भारत में कोविशील्ड के नाम से बेचा जाता है) से ब्लड क्लॉट का खतरा बढ़ सकता है. धमनियों में ब्लड क्लॉट जमने से दिल का दौरा पड़ सकता है.