कोलोरेक्टल कैंसर की बात करें तो ये तेजी से नई बीमारी उबरती हुई सामने आ रही है, जो खासतौर पर अमेरिका में महिलाओं और पुरषों में मौत का एक बहुत ही बड़ा कारण है, और ये मौत का एक तीसरा प्रमुख कारण भी है।
आजकल कि लाइफस्टाइल और डाइट ऐसी हो गई है कि मोटापे का बढ़ना बहुत ही ज्यादा कॉमन है, ऐसे में मोटापे के बढ़ने से कई पुरानी और गंभीर बीमारियों का विकास हुआ है, मोटापे का बढ़ना ही कोलोरेक्टल कैंसर का एक जोखिम कारण है।
डॉक्टरों का भी ये मानना है कि वजन का ज्यादा बढ़ना सेहत के लिए बहुत ही ज्यादा हानिकारक होता है, वहीं जिन व्यक्तियों का वेट ज्यादा होता है वे उन्हें वजन को नियंत्रण में रखने कि सलाह भी देते हैं, वजन का बढ़ना इसलिए भी खतरनाक होता है कि इसके बढ़ने से एडेनोमा का कम होना शुरू हो जाता है, एडेनोमा यदि भरपूर मात्रा में शरीर में मौजूद नहीं होता है तो ये कैंसर का कारण बन सकता है,इसलिए वजन को नियंत्रण में रखने कि आवश्य्कता होती है।
यह भी पढ़ें: सर्वाइकल कैंसर: घातक, फिर भी रोके जाने योग्य रोग, जानिए कैसे आपको बताते चलें कि संयुक्त राज्य अमेरिका में 1993 से 2001 तक लगभग 55 से लेकर 74 वर्ष कि आयु वर्ग के 154,942 महिलाओं और पुरषों को अलग-अलग तरीकों से स्क्रेनिंग दृश्टिकोण की प्रभावशाली का मूल्यांकन करने के लिए नामांकित किया है, जिन्होनें बेसलाइन पर कोलोरेक्टल कैंसर स्क्रीनिंग टेस्ट प्राप्त किया और तीन से पांच वर्ष के बाद।
वहीं इस रिसर्च में पाया गया है कि कोलोरेक्टल कैंसर होने का खतरा उन व्यक्तियों को ज्यादा होता है जिनका वजन जरूरत से ज्यादा होता है, इसलिए आपको वेट को कंट्रोल में रखने कि बहुत ही ज्यादा आवश्य्कता होती है, ज्यादा वजन बढ़ने से कैंसर होने का खतरा बहुत ही ज्यादा बढ़ जाता है।
रिसर्च के वरिष्ठ लेखक कैथरीन ह्यूजेस ने बताया है कि, यदि आप बढ़ती उम्र के साथ वेट को कंट्रोल में रखते हैं तो इससे कोलोरेक्टल कैंसर के विकास की संभावना बहुत ही ज्यादा कम होती जाती है, इसलिए यदि आपका वजन तेजी से बढ़ रहा है तो इसे कंट्रोल करने के लिए कई तरीके के टिप्स को अपना सकते हैं।