ये नए “स्मार्ट ग्लव्स” इतने खास हैं कि वे मरीजों के हाथों और उंगलियों की सूक्ष्म गतिविधियों को भी माप सकते हैं. ये ग्लव्स बेहद आरामदायक कपड़े से बने हैं, जिनमें सेंसर और धागे ऐसे लगाए गए हैं कि वो हर छोटी हरकत को पकड़ सकें.
यूबीसी की डॉक्टर जेनिस इंग कहती हैं, “इस ग्लव्स की मदद से हम कैमरों के बिना ही मरीजों की हाथों और उंगलियों की गतिविधियों को देख सकते हैं. इससे हम उनके लिए सबसे अच्छे एक्सरसाइज प्रोग्राम बना सकते हैं, यहां तक कि दूर से भी.”
यूबीसी के ही प्रोफेसर पेमन सर्वाती ने कहा, “ये ग्लव्स इतने सटीक हैं कि वे कैमरों के बिना भी हाथों और उंगलियों के हिलने-डुलने और पकड़ने की ताकत को माप सकते हैं.” यह तकनीक अभी “नेचर मशीन इंटेलिजेंस” जर्नल में प्रकाशित हुई है. वैज्ञानिकों का कहना है कि यह तकनीक इतनी सटीक है कि 99% मामलों में ये कैमरों से मिलने वाले आंकड़ों से मेल खाते हैं.
इस ग्लव्स की खासियत ये भी है कि ये बिल्कुल वायरलेस और आरामदायक हैं. इन्हें धोया भी जा सकता है. सर्वाती की टीम ने इन ग्लव्स को कम खर्च में बनाने का तरीका भी ढूंढ लिया है.
सर्वाती का सपना है कि इन ग्लव्स को बाजार में लाया जाए और भविष्य में इनका इस्तेमाल वर्चुअल और ऑगमेंटेड रियलिटी, एनीमेशन और रोबोटिक्स में भी किया जा सके. वह कहते हैं, “सोचिए कि आप हाथों की गतिविधियों और वस्तुओं के साथ उनके संपर्क को स्क्रीन पर देख पाएं. इससे अनंत संभावनाएं खुल जाएंगी. आप बिना कीबोर्ड के टाइप कर सकते हैं, रोबोट को कंट्रोल कर सकते हैं या इशारों को वास्तविक समय में लिखाई में बदल सकते हैं. इससे बहरे या कम सुनने वालों के लिए संवाद करना भी आसान हो जाएगा.”
(आईएएनएस)