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स्वास्थ्य

हमेशा रहता है सिरदर्द और जोड़ों में दर्द? साइनसाइटिस का हो सकता है संकेत

अध्ययन में पाया गया है कि साइनसाइटिस से पीड़ित लोगों में अगले 5 से 10 वर्षों में रुमेटिक रोग विकसित होने का खतरा 40% तक बढ़ सकता है।

Feb 28, 2024 / 11:03 am

Manoj Kumar

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Sinus Trouble Tied to 40% Higher Risk of Rheumatic Disease

हाल ही में हुए एक शोध में पता चला है कि साइनसाइटिस (Sinusitis) से पीड़ित लोगों में गठिया (rheumatoid arthritis) होने का खतरा 40% तक बढ़ सकता है। यह शोध अमेरिका के मेयो क्लिनिक और हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के शोधकर्ताओं द्वारा किया गया था।

साइनसाइटिस (Sinusitis) गाल की हड्डियों और माथे के पीछे स्थित छोटी हवा से भरी थैलियों (साइनस) की सूजन को कहते हैं। शोधकर्ताओं ने पाया कि जिन लोगों को पहले कभी साइनसाइटिस हुआ था, उनमें भविष्य में गठिया होने का खतरा 40% ज्यादा था।
अध्ययन में पाया गया कि खासतौर पर स्व-प्रतिरक्षा रोगों (Autoimmune disease) के गठिया में यह खतरा सबसे ज्यादा था। उदाहरण के लिए, एंटीफॉस्फोलिपिड सिंड्रोम होने का खतरा 7 गुना और सजोग्रेन सिंड्रोम होने का खतरा दोगुना से अधिक था।
एंटीफॉस्फोलिपिड सिंड्रोम (Antiphospholipid syndrome) रक्त के थक्के जमने से जुड़ी बीमारी है, जबकि सजोग्रेन सिंड्रोम शरीर में थूक और आंसू जैसे तरल पदार्थों के उत्पादन को प्रभावित करती है।

शोधकर्ताओं का मानना है कि “इन निष्कर्षों से संकेत मिलता है कि साइनस की सूजन का गठिया (Arthritis) के लक्षणों और संभवतः इसके कारणों में भी भूमिका हो सकती है।”
उन्होंने बताया कि “साइनसाइटिस (Sinusitis) से जुड़े जीवाणु गठिया में भी भूमिका निभा सकते हैं। साथ ही, साइनसाइटिस धमनियों के सख्त होने की प्रक्रिया को भी तेज कर सकता है, जिससे सूजन का खतरा और बढ़ जाता है।”
अध्ययन में 1729 वयस्कों को शामिल किया गया था, जिन्हें हाल ही में विभिन्न प्रकार के गठिया का पता चला था। इनमें आम गठिया (रूमेटॉइड आर्थराइटिस), एंटीफॉस्फोलिपिड सिंड्रोम, सजोग्रेन सिंड्रोम और रक्त वाहिका सूजन (वास्कुलिटिस) जैसी बीमारियां शामिल थीं।
इन सभी रोगियों (औसत आयु 63 वर्ष; दो तिहाई महिलाएं) को बिना गठिया वाले 3 लोगों (कुल 5187) के साथ मिलाया गया। उनकी आयु और का मिलान किया गया।

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शोध के नतीजे बताते हैं कि गठिया (Arthritis) के लक्षण शुरू होने से 5-10 साल पहले का समय सबसे ज्यादा जोखिम वाला होता है, इस दौरान खतरा 70% तक बढ़ जाता है।

साइनसाइटिस के दौरे से बढ़ता है गठिया का खतरा
साइनसाइटिस के दौरे जितने ज्यादा होंगे, गठिया (Arthritis) का खतरा भी उतना ही बढ़ता है। उदाहरण के लिए, जिन लोगों को 7 या उससे अधिक बार साइनसाइटिस (Sinusitis) हुआ था, उनमें स्व-प्रतिरक्षा रोगों से ग्रस्त होने का खतरा लगभग 5 गुना, सजोग्रेन सिंड्रोम का खतरा लगभग 9 गुना और वास्कुलिटिस का खतरा दोगुना पाया गया।
हालांकि, शोधकर्ताओं ने यह भी स्पष्ट किया कि “यह एक प्रेक्षणात्मक अध्ययन है, इसलिए इससे कारणों के बारे में कोई निश्चित निष्कर्ष नहीं निकाला जा सकता है। यह भी संभव है कि उलटा कारण (रिवर्स कॉजेशन) हो, यानी गठिया की बीमारी खुद भी साइनसाइटिस (Sinusitis) का खतरा बढ़ा सकती है।”

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