इस मौसम में बच्चे दालें, पालक, मेथी, लौकी, मटर, गाजर, आंवले का सेवन अवश्य करें। ध्यान रखें बच्चों को ताजे कटे फल ही खिलाएं। काटकर देर तक रखे फलों का सेवन न करें। बच्चों को हल्के गुनगुने पानी में आधा चम्मच से एक चम्मच शहद सुबह-शाम देना चाहिए। साथ ही बच्चों को आयुर्वेद के अनुसार स्वर्ण प्राशन अवश्य करना चाहिए। यह बच्चों की इम्युनिटी बढ़ाने में एवं रोगों से दूर रखने में कारगर है।
मौसम के अनुकूल सब्जियों और फलों का सेवन करें। हरी पत्तेदार सब्जियां खाएं। दालों का सेवन करें। पर्याप्त मात्रा में पानी पीएं। इनसे करें परहेज Avoid these इस समय ठंडा पानी, आइसक्रीम, कोल्ड ड्रिंक, फास्ट फूड, तली-भुनी चीजें और बाजार के भोजन से परहेज अवश्य करें।
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बुजुर्गों की इस समय पाचन शक्ति कमजोरी होने लगती है। कफ का प्रकोप होने लगता है। उन्हें तेल की मालिश जिसे अभ्यंग कहा जाता है, वह अवश्य करना चाहिए। सहजन, जामुन, पीपल, बेल ,पपीता, हरसिंगार आदि के पत्तों का(किसी एक पेड़ के पत्तों को बदलते हुए) सुबह खाली पेट काढ़ा पीते हैं तो इम्युनिटी बढ़ती है।
इस समय सीजनल एलर्जी बढ़ जाती है। उससे बचने के लिए सुबह और रात को नाक में सरसों का तेल या अणु तेल डालें। सोते समय अपनी नाभि एवं पैर के तलवों में तेल की मालिश जरूर करनी चाहिए।
– डॉ. सीताराम गुप्ता, आयुर्वेद विशेषज्ञ