हाई कोलेस्ट्रॉल: ब्लड में स्टोर हुआ कोलेस्ट्रोल धीरे-धीरे आंखों में एकत्रित होना शुरू हो जाता है। ऐसे संकेत यदि आपके आंखों में दिखाई दे रहे हैं तो आपको सतर्क हो जाना चाहिए वहीं डॉक्टर से भी संपर्क जरूर करना चाहिए। बढ़ता हुआ कोलेस्ट्रोल दिल की बीमारी का संकेत देता है वहीं स्ट्रोक का खतरा भी बढ़ सकता है।
डायबिटीज: डायबिटीज की बीमारी के शुरूआती संकेतों की बात करें तो इसके शुरूआती लक्षण आंखों में दिखाई देने लग जाते हैं। ब्लड प्रेशर के हाई होने पर आंखों में लाल धब्बे आ जाते हैं। यदि बहुत दिनों से आपके आंखों में ऐसे संकेत दिखाई दे रहे हैं तो आपका बीपी हाई हो सकता है। यदि शुरुआत के इन लक्षणों पर ध्यान नहीं दिया जाता है तो आंखों की रोशनी धीरे-धीरे कम होने लग जाती है।
रेटिना का खराब होना: रेटिना के अगल-बगल के हिस्सों में यदि कोई निशान दिखाई देते हैं तो उसे आई फ्लोटर्स के नाम से भी जाना जाता है। यदि रेटिना के आस-पास कोई भी संकेत दिखाई देते हैं तो ऐसे में आपको सतर्क हो जाना चाहिए क्योंकि ये आंखों के लिए बिल्कुल भी अच्छे नहीं होते हैं वहीं ये रेटिना को भी नुकसान पंहुचा सकते हैं।
पीलिया: आंखों के सफ़ेद पार्ट का पीला हो जाना पीलिया की निशानी हो सकती है। पीलिया की बीमारी ज्यादातर तब बढ़ जाती है जब लिवर सही से फ़िल्टर नहीं कर पाता है। पीलिया की बीमारी होने पर आंखों में पीलापन दिखाई दे सकते है। इसलिए यदि आपको ऐसे लक्षण दिखाई दे रहे हैं तो इसे अनदेखा न करें।
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इन्फेक्शन: आंखों में यदि सफ़ेद और लाल रंग का धब्बा दिखाई दे रहा है तो ये एक प्रकार से कॉर्नियल इन्फेक्शन का संकेत हो सकता है। इसका खतरा ज्यादातर उन व्यक्तियों को होता है जो लेंस का उपयोग करते हैं। लेंस में इन्फेक्शन होने का खतरा दो गुना ज्यादा होता है क्योकि इसमें धीरे-धीरे बैक्टेरिया का जमाव हो जाता है जिसके कारण आंखों में दर्द भी हो सकता है।
डिस्क्लेमर- आर्टिकल में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए दिए गए हैं और इसे आजमाने से पहले किसी पेशेवर चिकित्सक सलाह जरूर लें। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने, एक्सरसाइज करने या डाइट में बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।