कैसे पता लग सकता है कि जीभ में है विटामिन डी की कमी
आपको बताते चलें कि विटामिन डी की कमी है तो इसका पता ब्लड टेस्ट के द्वारा पता लगाया जा सकता है। लेकिन वहीं शोधकर्ताओं ने भी एक आसान सा तरीका ढूंढ निकाला है जिससे आप ये पता लगा सकते हैं कि कहीं आपके शरीर में विटामिन डी की कमी तो नहीं है। इस तरीका का नाम है सेल्फ-एक्समिन्ग। इसके जरिए आप जान सकते हैं शरीर में विटामिन डी की कहीं कमी तो नहीं है।
अमेरिकी रिसर्च सेंटर मायो क्लिनिक के एक डर्मेटोलॉजी डिपार्टमेंट ने एक स्टडी की है कि इस स्टडी में ऐसे व्यक्तियों को शामिल किया गया था जिमन व्यक्तियों में बर्निंग माउथ सिंड्रोम के लक्षण थे। इनकी फास्टिंग विटामिन डी, ब्लड ग्लूकोज,विटामिन बी 1, विटामिन बी 6,जिंक की स्क्रीनिंग की गई।
आपको बताते चलें कि विटामिन डी की कमी है तो इसका पता ब्लड टेस्ट के द्वारा पता लगाया जा सकता है। लेकिन वहीं शोधकर्ताओं ने भी एक आसान सा तरीका ढूंढ निकाला है जिससे आप ये पता लगा सकते हैं कि कहीं आपके शरीर में विटामिन डी की कमी तो नहीं है। इस तरीका का नाम है सेल्फ-एक्समिन्ग। इसके जरिए आप जान सकते हैं शरीर में विटामिन डी की कहीं कमी तो नहीं है।
अमेरिकी रिसर्च सेंटर मायो क्लिनिक के एक डर्मेटोलॉजी डिपार्टमेंट ने एक स्टडी की है कि इस स्टडी में ऐसे व्यक्तियों को शामिल किया गया था जिमन व्यक्तियों में बर्निंग माउथ सिंड्रोम के लक्षण थे। इनकी फास्टिंग विटामिन डी, ब्लड ग्लूकोज,विटामिन बी 1, विटामिन बी 6,जिंक की स्क्रीनिंग की गई।
कैसे लक्षण आ सकते है नजर
शोधकर्ताओं ने ये पाया कि जीभ के साथ-साथ हाथों में भी दर्द और जलन होने के साथ-साथ सही तरीके से खाने का स्वाद न आना और जीभ सुन्न हो जाने के जैसे लक्षणों को देखा गया था। ये लक्षण हर किसी व्यक्ति में अलग-अलग प्रकार से नजर आ रहा था।
वहीं शोधकर्ताओं ने इस स्टडी के रिजल्ट में ये बताया कि यदि इसके पीछे का मुख्य रीज़न को प्रभावी तरीके से खत्म नहीं किया जा सकता है। वहीं ये कंडीशन धीरे-धीरे और भी गंभीर रूप भी ले सकते हैं।
शोधकर्ताओं ने ये पाया कि जीभ के साथ-साथ हाथों में भी दर्द और जलन होने के साथ-साथ सही तरीके से खाने का स्वाद न आना और जीभ सुन्न हो जाने के जैसे लक्षणों को देखा गया था। ये लक्षण हर किसी व्यक्ति में अलग-अलग प्रकार से नजर आ रहा था।
वहीं शोधकर्ताओं ने इस स्टडी के रिजल्ट में ये बताया कि यदि इसके पीछे का मुख्य रीज़न को प्रभावी तरीके से खत्म नहीं किया जा सकता है। वहीं ये कंडीशन धीरे-धीरे और भी गंभीर रूप भी ले सकते हैं।
साथ ही साथ विटामिन डी की कमी होने पर आपको थकान,नींद आना,हड्डियों में दर्द, मसल क्रैम्प्स और मूड में बदलाव के जैसे लक्षण भी देखने को मिल सकते हैं। विटामिन डी क्यों है जरूरी
विटामिन डी न केवल आपको स्वस्थ बना के रखता है बल्कि ये आपके हड्डियों को मजबूत रखने से लेकर मांसपेशियों तक को स्वस्थ बना के रखने में सहायक हो सकता है। इसकी शरीर में पर्याप्त मात्रा में होना आवश्यक है क्योंकि ये शरीर को स्वस्थ रखने के साथ-साथ मानसिक तनाव को भी दूर करता है।.
विटामिन डी न केवल आपको स्वस्थ बना के रखता है बल्कि ये आपके हड्डियों को मजबूत रखने से लेकर मांसपेशियों तक को स्वस्थ बना के रखने में सहायक हो सकता है। इसकी शरीर में पर्याप्त मात्रा में होना आवश्यक है क्योंकि ये शरीर को स्वस्थ रखने के साथ-साथ मानसिक तनाव को भी दूर करता है।.
विटामिन डी के मुख्य स्रोत
यदि हम विटामिन डी के मुख्य स्रोत की बात करें तो ये नेचुरल तरीके से हमें धूप से मिल सकती है। वहीं यदि आप डाइट में इन खाद्य पदार्थों को शामिल करते हैं जैसे कि शलजम,केल,सोयाबीन्स,पनीर,सेलमन फिश, बीन्स आदि तो इन सभी चीजों में भी विटामिन डी की भरपूर मात्रा पाई जाती है। इसलिए कोशिश करें कि रोजाना आप धूप लें जैसे सर्दियों में कम से कम एक घंटा वहीं गर्मियों के मौसम में 10 से 15 मिनट की धूप बहुत है। ये आपके शरीर को स्वस्थ बना के रखने में बहुत ज्यादा आवश्यक साबित होगा।
यदि हम विटामिन डी के मुख्य स्रोत की बात करें तो ये नेचुरल तरीके से हमें धूप से मिल सकती है। वहीं यदि आप डाइट में इन खाद्य पदार्थों को शामिल करते हैं जैसे कि शलजम,केल,सोयाबीन्स,पनीर,सेलमन फिश, बीन्स आदि तो इन सभी चीजों में भी विटामिन डी की भरपूर मात्रा पाई जाती है। इसलिए कोशिश करें कि रोजाना आप धूप लें जैसे सर्दियों में कम से कम एक घंटा वहीं गर्मियों के मौसम में 10 से 15 मिनट की धूप बहुत है। ये आपके शरीर को स्वस्थ बना के रखने में बहुत ज्यादा आवश्यक साबित होगा।