2024 में सेहत पर नींद के प्रभाव के संबंध में कई अध्ययन किए गए हैं। इन अध्ययनों से यह स्पष्ट हुआ है कि नींद (Side effects of late night awake) विभिन्न तरीकों से हमारी सेहत को प्रभावित करती है। इसके अलावा, कुछ ऐसी स्थितियाँ भी सामने आई हैं जो हमारी नींद को प्रभावित कर सकती हैं।
Side effects of late night awake : देर रात सोने के नुकसान
मोटापा बढ़ना हार्वर्ड हेल्थ द्वारा किए गए एक अध्ययन में यह पाया गया है कि जो लोग देर रात तक जागते हैं और अपनी जैविक घड़ी की अनदेखी करते हैं, उनके मेटाबॉलिज्म पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। विशेष रूप से पुरुषों में, यह मोटापे का कारण बन सकता है, जिससे पेट के आसपास चर्बी जमा होने की संभावना बढ़ जाती है। इसके अलावा, मोटापे के कारण उच्च ट्राइग्लिसराइड का जोखिम भी बढ़ जाता है। सोचने समझने की क्षमता पर असर स्लीप फाउंडेशन द्वारा की गई एक अध्ययन के अनुसार, नींद (
Side effects of late night awake) की कमी (रात में देर तक जागने के कारण) REM नींद में कमी ला सकती है। REM नींद वह अवस्था है जिसमें व्यक्ति सपने देखता है। इस दौरान मस्तिष्क दिनभर की छोटी-छोटी जानकारियों को दीर्घकालिक स्मृतियों में संचित करता है। इसका सोचने-समझने की क्षमता और अन्य मस्तिष्क कार्यों से गहरा संबंध होता है। इसलिए, नींद की कमी से सोचने की क्षमता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
गट हेल्थ पर प्रभाव आपकी नींद (Side effects of late night awake)का प्रभाव आपकी आंतों के स्वास्थ्य पर भी होता है। शिकागो विश्वविद्यालय के अध्ययन के अनुसार, आंतों में मौजूद स्वस्थ बैक्टीरिया आंतों, मस्तिष्क और शरीर के केंद्रीय तंत्रिका तंत्र के बीच संवाद स्थापित कर नींद को सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इस संवाद को गट-ब्रेन-एक्सिस के नाम से जाना जाता है।
Side effects of late night awake : समय पर सोने के उपाय
- सबसे प्रभावी और अच्छा तरीका अपने सोने और जागने का समय तय करना चाहिए। शाम के समय हल्की एक्सरसाइज करें।
- दिनभर में अपना स्क्रीन टाइम सीमित करें। इलेक्ट्रॉनिक गैजेट की ब्लू लाइट से दूर रहें, क्योंकि ये लाइट्स REM स्लीप के समय को कम कर सकती है।
- आंतों में गुड बैक्टीरिया की मात्रा बढ़ाने के लिए आप डाइट में फर्मेंटेड फूड्स जैसे दही, छाछ आदि को डाइट में शामिल कर सकते हैं।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।