थायरॉयड हार्मोन के ठीक ढंग से काम करने के लिए आयोडीन काफी आवश्यक होता है। आयोडिन की भरपूर मात्रा आपको हाइपो थायरॉयडिजम से बचा सकती है। इस समस्या से बचने के साथ साथ आप इसके कारण वजन बढ़ना, थकान होना प्रेग्नेंसी में आने वाली दिक्कतों से भी बच सकते हैं। समुद्री सब्जियां आयोडीन का एक बहुत ही अच्छा स्रोत होती है
2. पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में सहायक
समुद्री सब्जियां में आम सब्जियों से अधिक मात्रा में फाइबर मौजूद होता है जो आपके पाचन के लिए काफी अच्छा होता है। समुद्री सब्जियों में प्री बायोटिक भी होते हैं जो पाचन तंत्र को अच्छी हालत में रखने वाले बैक्टीरिया होते हैं। यह सब्जियां अच्छे और बुरे बैक्टीरिया का पेट में संतुलन बनाने में मदद करती हैं। पेट में अल्सर पैदा करने वाले बैक्टीरिया से भी निजात दिलाती हैं।
कई बार हम हैवी मील खा लेते हैं। जिससे हमारा पाचन तंत्र सही से काम नहीं कर पाता। फिर हमारे शरीर में भी काफी सारे विषैले पदार्थ जमा हो जाते हैं। स्पिरुलिना और क्लोरेला जैसी समुद्री एलगी शरीर को डिटॉक्स करने में सहायक होती हैं। कुछ स्टडीज में यह पता चला है कि हैवी मील और प्रदूषण आदि के कारण शरीर में जमा होने वाले हैवी मेटल्स को भी यह सब्जियां शरीर से बाहर निकाल पाने में समर्थ होती हैं।
शरीर में फ्री रेडिकल्स की मात्रा अधिक होने के कारण सेल, डीएनए में काफी नुकसान पहुंचता है और अगर इस नुकसान से बचना चाहते हैं तो एंटी-ऑक्सीडेंट्स काफी आवश्यक होते हैं। समुद्री सब्जियों में विटामिन सी, ए, ई, बेटा कैरोटीन जैसे काफी लाभदायक एंटी-ऑक्सीडेंट्स होते हैं जो फ्री-रेडिकल्स द्वारा होने वाले नुकसान से आपको बचा सकते हैं।
सब्जियां तो वैसे भी विटामिन्स और मिनरल्स का अच्छा स्रोत होती हैं। एंटी-ऑक्सीडेंट्स के अलावा इन सब्जियों में आयरन कॉपर मैंगनीज फोलेट जिंक, सोडियम मैग्नेशियम कैल्शियम आदि की मात्रा भी बहुत अधिक पाई जाती है। इसलिए इन्हें अपनी डाइट में शामिल करना अभी से शुरू कर दें।
समुद्री भोजन ओमेगा 3 फैटी एसिड्स में तो भरपूर होता ही है। यह फैटी एसिड्स आपको हृदय रोगों जैसी खतरनाक शारीरिक स्थितियों से सुरक्षित रखने में मददगार होते हैं। मछली के अलावा समुद्री सब्जियों में भी ओमेगा 3 फैटी एसिड की मात्रा भरपूर होती है इसलिए इसे भी अपनी डाइट में जरूर शामिल करें।