यूनिवर्सिटी कॉलेज कॉर्क के असित कुमार मिश्रा और गॉलवे विश्वविद्यालय के मैरी कॉगिन्स के किए गए अध्ययन से पता चलता है कि सुगंधित मोमबत्तियां आपके घर की वायु गुणवत्ता के लिए हानिकारक बनती है। अध्ययन में बताया गया हैकि ऐसे उत्पाद अल्पकालिक और दीर्घकालिक दोनों प्रकार से हेल्थ के लिए नुकसानदायक है।
क्या कहता है अध्ययन : what the study says : Scented Candles Health Risk
अध्ययन का मानना है कि सुगंधित मोमबत्तियां (Scented Candles Health Risk) या अगरबत्तियां रसायनों का और सूक्ष्म कणों का कए मिश्रण पैदा कर सकती हैं। सुगंधित मोमबत्तियां जलाने पर कार्बन मोनोऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड और नाइट्रोजन के ऑक्साइड जैसी जहरीली गैसें उत्सर्जित करते हैं। जिससे ये आपकी सेहत के लिए हानिकारक बन सकती है। हृदय रोग और फेफड़ों के कैंसर का कारण बन सकती है : can cause heart disease and lung cancer
सुगंधित मोमबत्तियां (
Scented Candles Health Risk) से पार्टिकुलेट मैटर कई स्वास्थ्य समस्याओं का कारण भी बन सकता है। यदि आप अल्पकालिक संपर्क में रहते हैं तो खांसी और छींक आ सकती है। आंखों, नाक, गले और फेफड़ों में भी जलन की समस्या हो सकती है। लंबे समय तक संपर्क में रहने से हृदय रोग, फेफड़ों का कैंसर और क्रोनिक ब्रोंकाइटिस सहित गंभीर स्वास्थ्य स्थितियां पैदा हो सकती हैं।
हानिकारक रसायन छोड़ती हैं सुगंधित मोमबत्तियाँ : Scented candles release harmful chemicals
सुगंधित मोमबत्तियाँ जलने पर हानिकारक रसायनों का उत्सर्जन करती हैं, जो आपके घर की वायु गुणवत्ता और समग्र स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती हैं। फॉर्मेल्डिहाइड और बेंजीन जैसे तत्व आपके श्वसन तंत्र को प्रभावित कर सकते हैं। इसके अलावा, जिन लोगों को एलर्जी या संवेदनशीलता है, उन्हें सुगंधित मोमबत्तियों के संपर्क में आने पर छींकने, खांसी और खुजली जैसी समस्याएँ हो सकती हैं। कुछ व्यक्तियों में ये मोमबत्तियाँ सिरदर्द, चक्कर और मतली का कारण भी बन सकती हैं।
इन लोगों को बचना चाहिए सुगंधित मोमबत्तियों से : These people should avoid scented candles
बुजुर्गों, एलर्जी, अस्थमा, कैंसर, हृदय रोग या कमजोर इम्यून सिस्टम वाले व्यक्तियों को सुगंधित मोमबत्तियों (Scented Candles Health Risk) से दूर रहना चाहिए। इसका कारण यह है कि ये मोमबत्तियाँ अस्थमा के दौरे और एलर्जी प्रतिक्रियाओं को उत्प्रेरित कर सकती हैं। इसके अलावा, ये सीओपीडी या सांस लेने में कठिनाई भी पैदा कर सकती हैं। डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।