क्या है पीएम 2.5? What is PM 2.5?
PM 2.5 बेहद छोटे कण होते हैं जो वाहनों के धुएं, उद्योगों से निकलने वाले प्रदूषण, और फसल जलाने से पैदा होते हैं। ये कण इतने छोटे होते हैं कि इनसे बच पाना लगभग नामुमकिन है। पीएम 2.5 क्यों है इतना खतरनाक? Why is PM 2.5 so dangerous?
- फेफड़े और दिल को नुकसान: PM 2.5 सीधे हमारे फेफड़ों में पहुंचकर उन्हें नुकसान पहुंचाते हैं। इससे अस्थमा, दमा, और फेफड़ों का कैंसर जैसी गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। इसके अलावा, ये कण हमारे खून में मिलकर दिल को भी नुकसान पहुंचा सकते हैं।
- शिशुओं और बुजुर्गों पर अधिक प्रभाव: शिशुओं और बुजुर्गों का इम्यून सिस्टम कमजोर होता है, इसलिए वे PM 2.5 के प्रभावों के प्रति ज्यादा संवेदनशील होते हैं।
- कम उम्र में मौत: अध्ययन के अनुसार, पीएम 2.5 की वजह से लोगों की औसत आयु कम हो रही है।
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- विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानकों से अधिक: भारत के अधिकांश शहरों में पीएम 2.5 का स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा निर्धारित सुरक्षित सीमा से कहीं अधिक है।
- हर 10 माइक्रोग्राम की वृद्धि से 8.6% बढ़ती है मृत्यु दर: अध्ययन के अनुसार, हवा में पीएम 2.5 की मात्रा में हर 10 माइक्रोग्राम की वृद्धि से मृत्यु दर में 8.6% का इजाफा होता है।
क्या है समाधान?
- सख्त कानून: सरकार को वायु प्रदूषण को रोकने के लिए सख्त कानून बनाने होंगे।
- उद्योगों पर नियंत्रण: उद्योगों को प्रदूषण कम करने के लिए नए तरीके अपनाने होंगे।
- वाहनों का उत्सर्जन कम करना: पुराने वाहनों पर प्रतिबंध लगाना और इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देना होगा।
- फसल जलाने पर रोक: किसानों को फसल जलाने के बजाय अन्य विकल्पों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना होगा।
- पेड़ लगाओ: अधिक से अधिक पेड़ लगाकर हवा को शुद्ध किया जा सकता है।
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Almonds से भी ज्यादा ताकतवर है मखाना, मिलते हैं अनगिनत फायदे पीएम 2.5 एक गंभीर समस्या है जिस पर हमें तुरंत ध्यान देने की जरूरत है। अगर हमने समय रहते कदम नहीं उठाए तो आने वाले समय में स्थिति और भी खराब हो सकती है। हमें सभी को मिलकर इस समस्या से लड़ना होगा और अपने देश को स्वच्छ और स्वस्थ बनाना होगा।