4 इंच के सिलिकॉन से 10 लाख रोबोट
इंडिपेंडेंट यूके जर्नल में प्रकाशित अनुसंधान के अनुसार एमआइटी के वैज्ञानिकों ने दुनिया के पहले ऐसे माइक्रोस्कोपिक सूक्ष्म रोबोट बनाए हें जो सेमी कंडक्टर पार्ट्स से बने हैं। एलन ब्रूक्स और माइकल स्ट्रानो ने इन रोबोट्स को केवल सिलिकॉन के चार इंच के टुकड़े से बनाया है। वैज्ञानिकों का दावा है कि वे 4 इंच के सिलिकॉन टुकड़े से वे ऐसे 10 लाख (1 मिलियन) से अधिक रोबोट बना सकते हैं। हालांकि, दोनों के बनाए ये रोबोट्स अभी अपने वास्तविक स्वरूप (ऑटोनोमस फॉर्म) में नहीं है। अभी ये एक प्लेटफॉर्म के जैसे हैं जिनसे आर्टिफिशियल मस्तिष्क (Artificial Intelligence) और बैट्री को जोड़ा जा सकता है। इन रोबोट्स को मानक इलेक्ट्रॉनिक तरंगों (Standard Electronics Signals) से नियंत्रित किया जा सकता है। इतना ही नहीं लाखों की तादाद में होने पर इन रोबोट्स को लेजर के साथ सक्रिय कर सकते हैं जिससेवे आसानी से दूरी नाप सकते हैं।
प्रकाश की ऊर्जा से चलते हैं टिनी रोबोट्स
इन रोबोट्स की सबसे खास बात यह है कि ये आकार में केवल 0.1 मिमी मोटे हैं। वैज्ञानिक कह रहे हैं कि हो सकता है कि भविष्य में वे इससे भी छोटे रोबोट्स बना लें जो शायद हमारे बाल के जितने ही चौड़े हों। वैज्ञानिकों ने इन रोबोट्स के पैर भी इलेक्ट्रो केमिकल एक्ट्यूएटर्स के बने हें ताकि वे तेजी से चल-फिर सकें। ये रोबोट्स केवल प्रकाश को ऊर्जा में परिवर्तित कर खुद को चलाते हैं।
क्या कर सकते हैं ये छुटकु रोबोट्स
इसी साल आई हॉलीवुड एक्टर विन डीजल (Hollywood Actor Vin Diesel) की विज्ञान फंतासी फिल्म ‘ब्लडशॉट’ (Science Fiction Based Movie BLOODSHOT) में इसी तरह के सूक्ष्म रोबोट्स को शरीर के क्षत-विक्षत हो चुके अंगों को फिर से बनाते हुए दिखाया गया था। फिल्म देखकर सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि ये छोटे रोबोट कैसे काम करते हैं या वैज्ञानिक उनसे क्या करवाना चाहते हैं। मैसाच्यूसेट्स के वैज्ञानिक दरअसल इनसे औरभी जटिल काम करवाना चाहते हैं। इन रोबोट्स का उपयोग कर वे ऐसी तकनीक विकसित करना चाहते हैं जिससे ये रोबोट्स मानव शरीर में प्रवेश कर मानव के टूटे और क्षत-विक्षत हो चुके अंगों की फिर से मरम्मत कर सकें बिल्कुल किसी असली सर्जन की तरह। हालांकि अब भी इन रोबोट्स पर अनुसंधान चल रहा है।