टाइप 2 डायबिटीज में होने वाली परेशानी 1. हाइपोग्लाइसीमिया
यह मुश्किल तो जब तक आपके साथ डायबिटीज है तब तक आपको देखनी ही पड़ेगी। यह वह स्थिति होती है जिसमें ब्लड शुगर लेवल दिन भर बदलती रहती है। अगर शुगर लेवल अधिक कम हो जाती है तो आपको परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। इसके लक्षणों में चिंता होना भूख लगना पसीना आना सिर दर्द होना आदि शामिल होते है।
यह मुश्किल तो जब तक आपके साथ डायबिटीज है तब तक आपको देखनी ही पड़ेगी। यह वह स्थिति होती है जिसमें ब्लड शुगर लेवल दिन भर बदलती रहती है। अगर शुगर लेवल अधिक कम हो जाती है तो आपको परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। इसके लक्षणों में चिंता होना भूख लगना पसीना आना सिर दर्द होना आदि शामिल होते है।
उपचार जब भी शुगर लेवल अधिक कम हो जाती है तो 15 ग्राम कार्बोहाइड्रेट का सेवन कर लें और इसके 15 मिनट बाद चेक करें। अगर अब भी शुगर लेवल कम है तो दोबारा यही प्रक्रिया दोहराएं।
2. हाइपर ऑस्मोलर हाइपरग्लिकेमिक स्टेट
यह स्थिति बहुत कम लोगों में देखने को मिलती है और बुजुर्गों या अधिक बीमार रहने वाले लोगों में यह ज्यादा पाई जाती है। यह स्थिति तब होती है जब ब्लड शुगर लेवल काफी अधिक होता है। लेकिन उसमें कीटोन नहीं पाए जाते हैं। इससे आपकी नजर कमजोर हो सकती है अधिक कन्फ्यूजन हो सकती है, अधिक प्यास लग सकती है।
यह स्थिति बहुत कम लोगों में देखने को मिलती है और बुजुर्गों या अधिक बीमार रहने वाले लोगों में यह ज्यादा पाई जाती है। यह स्थिति तब होती है जब ब्लड शुगर लेवल काफी अधिक होता है। लेकिन उसमें कीटोन नहीं पाए जाते हैं। इससे आपकी नजर कमजोर हो सकती है अधिक कन्फ्यूजन हो सकती है, अधिक प्यास लग सकती है।
उपचार इस स्थिति से बचने के लिए नियमित रूप से अपनी ब्लड शुगर लेवल को मॉनिटर करते रहें। इस स्थिति का आभास होते ही अपने डॉक्टर को बताना और इसका उपचार शुरू करवाना काफी आवश्यक होता है।
3. हाइपरग्लिसेमिया
यह स्थिति हाइपोग्लाइसीमिया स्थिति के उल्टी होती है। इसमें आपकी ब्लड शुगर काफी अधिक बढ़ जाता है। यही नहीं आपको अधिक प्यास लगती है आपको बार बार टॉयलेट जाना पड़ता है आपके यूरिन में भी काफी शुगर हो जाती है। आप इस स्थिति से जूझ रहे हैं तो आप घर पर ही यूरिन टेस्ट किट ला सकते हैं।
यह स्थिति हाइपोग्लाइसीमिया स्थिति के उल्टी होती है। इसमें आपकी ब्लड शुगर काफी अधिक बढ़ जाता है। यही नहीं आपको अधिक प्यास लगती है आपको बार बार टॉयलेट जाना पड़ता है आपके यूरिन में भी काफी शुगर हो जाती है। आप इस स्थिति से जूझ रहे हैं तो आप घर पर ही यूरिन टेस्ट किट ला सकते हैं।
उपचार अगर आपके यूरिन टेस्ट में कीटोन पाए जाते हैं तो आपको एक्सरसाइज करनी बंद कर देनी चाहिए। यह आपके लिए हानिकारक हो सकता है। इसके अलावा अपने डॉक्टर से भी ब्लड शुगर कम करने के बारे में टिप्स लें।
4. हाई ब्लड प्रेशर हाई ब्लड प्रेशर भी टाइप 2 डायबिटीज के साथ जुड़ा हुआ है। डायबिटीज के मरीजों को नियमित रूप से अपना बीपी लेवल भी चेक करते रहना चाहिए। इससे हार्ट अटैक देखने में समस्या होना, स्ट्रोक जैसे लक्षणों का सामना करना पड़ सकता है।
उपचार अगर आपका ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है तो नमक का सेवन करना बिल्कुल कम कर देना चाहिए। नियमित रूप से एक्सरसाइज करनी चाहिए और स्ट्रेस को भी कम कर देना चाहिए। 5. नर्व डेमेज होना
इस स्थिति को डायबिटीज न्यूरोपैथी के नाम से जाना जाता है। यह डायबिटीज के दौरान आने वाली सबसे आम समस्या है। अगर डायबिटीज के द्वारा आपकी नर्व को नुकसान पहुंच जाता है तो आपको बहुत अधिक शरीर में दर्द हो सकता है देखने में दिक्कत आ सकती है डायरिया हो सकता है और असंतुलन जैसी परेशानियों का सामना भी करना पड़ सकता है। पुरुषों में स्तंभन दोष और महिलाओं में वेजिनल ड्राइनेस जैसी स्थिति भी आम होती है।
इस स्थिति को डायबिटीज न्यूरोपैथी के नाम से जाना जाता है। यह डायबिटीज के दौरान आने वाली सबसे आम समस्या है। अगर डायबिटीज के द्वारा आपकी नर्व को नुकसान पहुंच जाता है तो आपको बहुत अधिक शरीर में दर्द हो सकता है देखने में दिक्कत आ सकती है डायरिया हो सकता है और असंतुलन जैसी परेशानियों का सामना भी करना पड़ सकता है। पुरुषों में स्तंभन दोष और महिलाओं में वेजिनल ड्राइनेस जैसी स्थिति भी आम होती है।
टाइप 2 डायबिटीज में स्ट्रोक हार्ट अटैक, किडनी डेमेज और मानसिक रूप से स्वस्थ न रहने जैसी स्थिति का सामना भी करना पड़ सकता है जोकि काफी जानलेवा हो सकते हैं।