कहते हैं बचपन में सीखी अच्छी आदतें जीवनभर बरकरार रहती हैं। इसलिए बच्चों को यदि आप अच्छी ओरल हाइजीन की आदतें डालें तो वे उनकी ओरल हैल्थ के लिए बेहतर रहेंगी। अक्सर देखा जाता है कि बच्चों के जब दांत निकलने वाले होते हैं तो पैरेंट्स उस दौरान दांत साफ करने पर अधिक ध्यान नहीं देते। यह आदत गलत है। पहला दांत निकले तभी ध्यान दें।
क्या करें दांत निकलने से पहले ही बच्चे का मुंह साफ करना शुरू कर दें। बच्चे के दूध पीने के बाद नियमित रूप से उसका मुंह साफ करें।
जब पहला दांत निकले तो ब्रश करना शुरू कर दें। दिन में दो बार ब्रश करें। एक बार सुबह और एक बार सोने से पहले। बच्चों के दांतों के लिए विशेष टूथब्रश बनाए जाते हैं। उनके छोटे सिर, मुलायम बाल और बड़े हैंडल होते हैं।
इसी तरह के ब्रश का आप बच्चों के लिए चयन करें।
बच्चे के दांत नहीं निकलें तो भी मसूड़ों की देखभाल अवश्य करें। दूध पीने के बाद बच्चों के मसूड़ों को किसी स्वच्छ मुलायम कपड़े से साफ करें।
जब पहला दांत निकले तो ब्रश करना शुरू कर दें। दिन में दो बार ब्रश करें। एक बार सुबह और एक बार सोने से पहले। बच्चों के दांतों के लिए विशेष टूथब्रश बनाए जाते हैं। उनके छोटे सिर, मुलायम बाल और बड़े हैंडल होते हैं।
इसी तरह के ब्रश का आप बच्चों के लिए चयन करें।
बच्चे के दांत नहीं निकलें तो भी मसूड़ों की देखभाल अवश्य करें। दूध पीने के बाद बच्चों के मसूड़ों को किसी स्वच्छ मुलायम कपड़े से साफ करें।
मीठी व चिपकने वाली चीजों से रखें दूर : बच्चों को मीठी व दांतों में चिपकने वाली चीजों से दूर रखें। अगर खाते हैंं तो कुल्ला जरूर करवाएंं। डेंटिस्ट के पास विजिट बच्चों के दांत चूंकि छह वर्ष की उम्र से गिरने शुरू हो जाते हैं, छह से 13 वर्ष की उम्र के बीच बच्चों के दूध व स्थाई दोनों तरह के दांत मुंह में होते हैं। उनकी अच्छी ओरल हाइजीन के लिए जरूरी है कि आप बच्चों को छह माह में एक बार दंत रोग विशेषज्ञ के पास लेकर जाएं। आजकल पीडियाट्रिक दंत रोग विशेषज्ञ भी होते हैं, जो दांतों के सही रखरखाव के बारे में बताते हैं। बच्चों के दातों का इनेमल भूरा या सफेद धब्बों के रूप में दिखाई दे तो उनके पास अवश्य ले जाएं।
डॉ. हरीश भारद्वाज
दंत रोग विशेषज्ञ
डॉ. हरीश भारद्वाज
दंत रोग विशेषज्ञ