राष्ट्रीय पोषण सप्ताह
आहार में सूक्ष्म मात्रा में उपस्थित पोषक तत्त्वों जैसे विटामिंस और मिनरल्स की महत्त्वपूर्ण भूमिका है, जिन्हें माइक्रोन्यूट्रिएंट यानी सूक्ष्म पोषक तत्त्व कहा जाता है। जब शरीर को एक से अधिक पोषक तत्त्व पर्याप्त मात्रा में नहीं मिलते हैं तो ऐसा सूक्ष्म पोषक तत्त्वों की कमी के कारण हो सकता है। असल में इनकी कमी के प्रभाव को ‘छिपी हुई भूख’ के रूप में जाना जाता है। सूक्ष्म पोषक तत्त्वों की निरंतर वृद्धि और विकास, संक्रमण से लडऩे, प्रतिरोधक क्षमता के निर्माण के लिए आवश्यक हैं।
शरीर के लिए जरूरी न्यूट्रिएंट
सूक्ष्म पोषक तत्त्वों की कमी से गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। हमारे शरीर के लिए महत्त्वपूर्ण हैं ये सूक्ष्म पोषक तत्त्व-
आयरन/लोहा
आयोडीन
विटामिन ए
विटामिन बी समूह (विटामिन बी१ , विटामिन बी२, विटामिन बी३, फोलिक एसिड या फोलेट बी9, विटामिन बी12 )
विटामिन सी
विटामिन डी
“गहरे हरे पत्तेदार सब्जियों के अलावा, हम सूक्ष्म पोषक तत्वों से भरपूर बीजों के रूप में अपने भोजन में आयरन को शामिल कर सकते हैं। कई बीज और मेवे हैं जो स्थानीय रूप से उपलब्ध हैं और सस्ती हैं। बहुत से लोग इन्हें पहले से ही सूखी चटनी के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं या सब्जी बनाने में शामिल कर रहे हैं.”
सुनेत्रा रोडे, पूर्व प्रिंसिपल, महाराष्ट्र स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट एंड कैटरिंग कॉलेज, पुणे
सुनेत्रा रोडे
पूर्व प्रिंसिपल
सूक्ष्म पोषक तत्त्व शारीरिक विकास के साथ ही संज्ञानात्मक विकास में भी अहम हैं। जानते हैं इनका महत्त्व और उपयोगिता- आयरन: भोजन में आयरन यानी लोहा मोटर और संज्ञानात्मक विकास के लिए महत्त्वपूर्ण होता है।
विटामिन ए: यह विटामिन स्वस्थ दृष्टि और प्रतिरक्षा प्रणाली के कार्यों को सुचारू बनाने का काम करता है।
विटामिन डी: शरीर को कैल्शियम अवशोषित करने में मदद कर मजबूत हड्डियों का निर्माण करता है।
आयोडीन: यह गर्भावस्था और बचपन में शारीरिक एवं संज्ञानात्मक विकास के लिए जरूरी है।
फोलेट (विटामिन बी9): मस्तिष्क, रीढ़ के विकास एवं भ्रूण के विकास के शुरुआती दिनों में आवश्यक होता है।
जिंक: प्रतिरक्षा कार्यों को बढ़ाने, दस्त, निमोनिया और मलेरिया सहित संक्रमण से बचाता है।
खूब फल और सब्जियां खाएं
फोर्टिफाइड खाद्य पदार्थ खाएं
दूध, पनीर, दही, नट्स, दालें जैसे डेयरी और प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों से भरपूर आहार लें सवाल-जवाब
प्रश्न – विटामिन ए की कमी के क्या लक्षण हैं?
जवाब- इसकी कमी से आंखों का कमजोर होना, त्वचा का शुष्क, पपड़ीदार और पीला होना, नेत्रगोलक शुष्क और चमकदार, आंखों का तेज रोशनी के प्रति संवेदनशील होना, रतौंधी, हड्डियां और शारीरिक विकास न होना आदि समस्याएं होने लगती हैं।
जवाब- ये हैं विटामिन सी की कमी के लक्षण:
मसूड़ों से खून बहना
बार-बार सर्दी और बुखार
संक्रमण के लिए कम प्रतिरोध
आसान आघात
घावों का धीरे-धीरे ठीक होना इन्हें समझें
आयरन- इसकी कमी से एनीमिया होता है।
विटामिन ए – इसकी कमी से रतौंधी होता है।
विटामिन डी – बच्चों में रिकेट्स और वयस्कों में ओस्टीयोमलेशिया।
आयोडीन – कमी से गोइटर/गर्दन में सूजन (गुण्डमाला) होना।