मम्प्स के लक्षण Symptoms of mumps इसके शुरुआती लक्षणों में सिर दर्द, बुखार, ठंड लगना और भूख में कमी आना जैसे लक्षण महसूस हो सकते हैं और इसके बाद गाल यानी लार ग्रंथियां में सूजन आ जाती है। सामान्य रूप से इसके लक्षण 14 से 18 दिनों तक रह सकते हैं। ज्यादातर मामलों में यह समस्या ठीक हो जाती है लेकिन संक्रमण गंभीर होने पर मेनिनजाइटिस या एन्सेफ़ेलाइटिस जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
यह भी पढ़ें-अभी तक इस गंभीर बीमारी का कोई इलाज नहीं, तेजी से बढ़ रहा है मम्प्स का प्रकोप डॉ. बृज वल्लभ शर्मा, सीनियर कंसल्टेंट, इंटरनल मेडिसिन नारायणा हॉस्पिटल, जयपुर ने बताया कि मम्प्स (Mumps) वायरस के कारण पुरुषों में ऑर्काइटिस की समस्या भी हो सकती है जिसमें पुरुषों के एक या दोनों वृषण प्रभावित हो सकते हैं, इनमें सूजन आ सकती है और खासकर अगर यह दोनों वृषणों को प्रभावित करता है या 12 से 16 वर्ष की उम्र में प्रभावित करता है तो पुरुषों की प्रजनन क्षमता कम हो सकती है। इसकी ज्यादातर समस्या उन लोगों में होती है जिनका टीकाकरण नहीं हुआ है, इसलिए इसकी रोकथाम के लिए जब बच्चे 13 से 14 महीने की आयु के हों तब एमएमआर जैसे टीकाकरण जरूर करवाने चाहिए।
मम्प्स का इलाज Treatment of mumps इसके अलावा इसका कोई विशिष्ट उपचार नहीं है, हालांकि लक्षणों के आधार पर इसका निदान किया जाता है। लार ग्रंथियां में सूजन आदि की समस्या को कम करने के लिए गर्म या ठंडी चीजों से सेकना मददगार साबित हो सकता है, डॉक्टर की सलाह पर दर्द में आराम के लिए पेनकिलर दवाइयां भी ली जा सकती हैं। इस समस्या बचाव के लिए लक्षणों पर ध्यान देते रहें, साफ सफाई बना कर रखें, छींकते समय टिशू पेपर का प्रयोग करें और कोई भी समस्या महसूस होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
Mumps से बचाव के लिए कुछ उपाय हैं: – बच्चे को पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थ पिलाएं।
– नरम आहार दें ताकि चबाने में दर्द न हो।
– पर्याप्त आराम करें।
– सूजन को कम करने के लिए आइस पैक का इस्तेमाल करें।
– दर्द और सूजन को कम करने के लिए डॉक्टर की सलाह पर दवाएं लें।
– संक्रमण से बचाव के लिए साफ-सफाई का ध्यान रखें।
– अगर मामला गंभीर है तो डॉक्टर स्टेरॉयड का इस्तेमाल भी कर सकते हैं।