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आंखों में कीचड़ (mucus of the eyes) आना एक सामान्य समस्या दिख सकती है। लेकिन कुछ-कुछ परिस्थिति में यह लक्षण गंभीर बीमारी का कारण हो सकते हैं।अगर आपकी आंखों में लंबे समय से या फिर ज्यादा कीचड़ आ रहा है तो यह कई बीमारियों का कारण हो सकती है। आज हम आपको बताएंगे की आंखों में कीचड़ आना किन बीमारियों का संकेत होता है । आइए जानते हैं इसके बारे में। यह भी पढ़ें
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Due to these reasons comes mud in the eyes इन वजहों से आता है आंखों में कीचड़1. कंजंक्टिवाइटिस Conjunctivitis
आंखा आना यानि कंजंक्टिवाइटिस की वजह से आपकी आंखों में कीचड़ की समस्या हो सकती है। इसकी वजह से आपकी आंखों में कीचड़ (mucus of the eyes) आने के साथ-साथ आंखों में लालिमा और जलन भी हो सकता है। आंख आने पर ऐसा लगता है कि जैसे आपकी आंखों में कुछ चला गया है। कंजंक्टिवाइटिस की समस्या वायरस बैक्टीरिया या एलर्जी की वजह से हो सकता है। अधिकतर लोगों को कंजंक्टिवाइटिस कमजोर इम्यूनिटी और वायरस के कारण होता है। इसलिए इस स्थिति से बचने के लिए इम्यूनिटी को मजबूत बनाए रखने की जरूरत होती है।
2. ब्लेफेराइटिस Blepharitis
ब्लेफेराइटिस आंखों में होने से भी आपको आंखों में कीचड़ आ सकती है। यह समस्या बैक्टीयल इन्फेक्शन की वजह से होता है। इस समस्या की वजह से पलकों के निचले हिस्से में सूजन आ जाती है और आंखों से पीले रंग का पस निकलता है। बैक्टीरिया की वजह से अगर कंजंक्टिवाइटिस होता है, जो इस परेशानी को पिंक आई (Pink eye) भी कहते हैं। इसकी वजह से आपकी आंखें गुलाबी, दर्दनाक और सूजी हुई दिखती है।
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3. गुहेरी Cavityआंखों में मौजूद ग्रंथियां बंद होने की वजह से गुहेरी की समस्या होती है। इसकी वजह से आंखों में सूजन उभार खुजली और दर्द की परेशानी हो सकती है। हालांकि गर्म सिंकाई करने पर गुहेरी की परेशानी से निजात पाया जा सकता है।
4. आंखों में चोट Eye injury
कॉर्निया में चोट करने या फिर निशान पड़ने जैसी समस्याओं की वजह से भी आपकी आंखों में कीचड़ की परेशानी हो सकती है। इसमें कीचड़ आने के साथ-साथ आंखों में सूज और खुजली भी हो सकती है। इस परेशानी से ग्रसित व्यक्ति को ऐसा अनुभव होता है, जैसे कि आंखों में कुछ चला गया है। जब आंख में चोट लगने संक्रमण फैलता है, तो इसकी वजह से गाढ़ा रिसाव हो सकता है।
कॉर्निया में चोट करने या फिर निशान पड़ने जैसी समस्याओं की वजह से भी आपकी आंखों में कीचड़ की परेशानी हो सकती है। इसमें कीचड़ आने के साथ-साथ आंखों में सूज और खुजली भी हो सकती है। इस परेशानी से ग्रसित व्यक्ति को ऐसा अनुभव होता है, जैसे कि आंखों में कुछ चला गया है। जब आंख में चोट लगने संक्रमण फैलता है, तो इसकी वजह से गाढ़ा रिसाव हो सकता है।
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5. अश्रु नलिका की रुकावट Blockage of lacrimal duct
आंसू की नलिका में रुकावट की वजह से आंखों में चिपचिपा और गाढ़ा रिसाव हो सकता है। इस वजह से आपके आंखों के आसपास दर्द की परेशानी भी हो सकती है।
आंखों में कीचड़ आने पर कैसे करें साफ How to clean if there is mud in the eyes
1. आंखों में कीचड़ होने पर ठंडे पानी की बजाय गुनगुने पानी से आंखों की सफाई करेँ। इसके लिए 1 बर्तन में गुनगुना पानी लें। अब इस पानी से कॉटन के कपड़े को भिगो दें। इसके बाद इस कपड़े से अपने आंखों की सफाई करें। इसके अलावा आप गुलाबजल की मदद से भी आंखों की सफाई कर सकते हैं। ध्यान रखें कि आंखों में किसी तरह की परेशानी होने पर मेकअप न करें।
2. आंखों में कीचड़ की परेशानी कई कारणों से हो सकती है। ऐसे में अगर आपको इस तरह के लक्षण दिखे तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। ताकि समय रहते आपका इलाज किया जा सके। अपने आंखों में किसी तरह के धूल-मिट्टी न जानें दें। इससे आपकी परेशानी बढ़ सकती है।
1. आंखों में कीचड़ होने पर ठंडे पानी की बजाय गुनगुने पानी से आंखों की सफाई करेँ। इसके लिए 1 बर्तन में गुनगुना पानी लें। अब इस पानी से कॉटन के कपड़े को भिगो दें। इसके बाद इस कपड़े से अपने आंखों की सफाई करें। इसके अलावा आप गुलाबजल की मदद से भी आंखों की सफाई कर सकते हैं। ध्यान रखें कि आंखों में किसी तरह की परेशानी होने पर मेकअप न करें।
2. आंखों में कीचड़ की परेशानी कई कारणों से हो सकती है। ऐसे में अगर आपको इस तरह के लक्षण दिखे तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। ताकि समय रहते आपका इलाज किया जा सके। अपने आंखों में किसी तरह के धूल-मिट्टी न जानें दें। इससे आपकी परेशानी बढ़ सकती है।
यह भी पढ़े-हर महीने जल्दी पीरियड्स आते है तो सावधान? जानिए इसके पीछे के 5 मुख्य कारण डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।