मेंटल हेल्थ एंड फिजिकल एक्टिविटी जर्नल में प्रकाशित इस अध्ययन में बताया गया है कि एक्सरसाइज और माइंडफुलनेस को मिलाकर अपनाए जाने वाले जीवन में बदलाव आपके मूड को बेहतर बनाने और स्वास्थ्य को अच्छा करने में सबसे कारगर साबित होते हैं।
यूके के यूनिवर्सिटी ऑफ बाथ के शोधकर्ताओं का कहना है कि पहले से ही यह माना जाता था कि एक्सरसाइज और माइंडफुलनेस दोनों व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव डालते हैं, लेकिन ये पहली स्टडी है जो दिखाती है कि दोनों को एक साथ करने से इन लाभों को और बढ़ाया जा सकता है।
शोधकर्ताओं के अनुसार, माइंडफुलनेस एक्सरसाइज को शुरू करने में प्रेरणा जगाने के साथ-साथ व्यायाम के दौरान हल्के दर्द, असुविधा और हार की भावना को कम करने में सहायक होता है। यूनिवर्सिटी के हेल्थ डिपार्टमेंट में व्यवहार परिवर्तन, माइंडफुलनेस और एक्सरसाइज के विशेषज्ञ माशा रेमस्कर कहती हैं, “2024 की शुरुआत में एक्सरसाइज को बढ़ाने का संकल्प लेना शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद हो सकता है। लेकिन हम जानते हैं कि व्यायाम शुरू करना अक्सर मुश्किल होता है और इसे लगातार जारी रखना भी आसान नहीं होता।”
माइंडफुलनेस हमें उन मानसिक शक्तियों को मजबूत करने में मदद करती है जिनकी एक्सरसाइज करने के लिए जरूरत होती है। साथ ही यह हमें अपने शरीर के साथ अधिक जुड़ाव महसूस कराती है और व्यायाम को अधिक रोचक और लाभकारी बनाती है।
माशा रेमस्कर यह भी बताती हैं कि “माइंडफुलनेस अपनाने से हम अपनी जीवनशैली के बारे में अलग तरह से सोचते हैं, अपने कमियों के प्रति ज़्यादा स्वीकार और कम आलोचनात्मक होते हैं, जो स्वस्थ आदतें बनाने में मदद करता है।”
वह कहती हैं, “एक्सरसाइज के सकारात्मक प्रभावों को बढ़ाने के लिए माइंडफुलनेस का इस्तेमाल करने की बहुत बड़ी क्षमता है।” अब शोधकर्ताओं का लक्ष्य एक बड़े ट्रायल का आयोजन कर यह पता लगाना है कि एक्सरसाइज और माइंडफुलनेस को मिलाकर अपनाने में कितनी प्रभावी है और इसके लिए सबसे उपयुक्त समय क्या है।
(आईएएनएस)
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