यह समस्या तब होती है जब
मस्तिष्क की संवेदनाओं का असंतुलन होता है। इसका कारण है कि जब हम किसी वेहिकल में चल रहे होते हैं तो एक स्टेटिक व्यू मिलता है, जबकि हमारे कान और शरीर की अन्य संवेदनाएं मोशन को फील करती हैं। इससे मस्तिष्क में असंतुलन होता है जिसके कारण मस्तिष्क में भ्रम पैदा होता है, इस के कारण मोशन सिकनेस अर्थात उल्टी, चक्कर जैसी समस्या होने लगती है। मोशन सिकनेस का खतरा अकसर छोटे बच्चों में ज्यादा देखने को मिलता है। इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि छोटै बच्चों में मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र का विकास अभी हो रहा होता है।
इन लोगों को भी होती है मोशन सिकनेस की समस्या These people also have the problem of motion sickness
मोशन सिकनेस (Motion Sickness) की समस्या बच्चों के साथ अन्य कई लोगों में देखने को मिलती है जिसमें महिलाएं, माइग्रेन से पीड़ित व्यक्ति आदि सब शामिल है। महिलाओं में इसका कारण हार्मोनल चेंजेस होता है, इसका सबसे ज्यादा असर महिलाओं प्रेगनेंसी के दौरान ज्यादा देखने को मिलता है। इसी के साथ जो लोग माइग्रेन से पीड़ित होते है उन लोगों में भी इसकी समस्या देखने को मिलती है। वृद्ध लोग भी इससे प्रभावित हो सकते हैं। मोशन सिकनेस बचने के उपाए ways to avoid motion sickness
- मोशन सिकनेस से बचने के लिए ट्रैवल करते समय ड्राइवर की सीट के पास या प्लेन में विंग के पास बैठें।
- ट्रैवल के दौरान कार में खिड़की खोलने या एसी चलाने से ताजगी बनी रहती है
- यात्रा के दौरान किताबें पढ़ने या मोबाइल पर गेम खेलने से बचें, क्योंकि यह मस्तिष्क को और अधिक भ्रमित कर सकता है।
- मोशन सिकनेस से बचने के लिए म्यूजिक सुनें या किसी से बातचीत करते रहें।
- ट्रैवल शुरू करने से पहले हल्का खाना खाएं।
- डॉक्टर से काउंसलिंग करें।
- कुछ दवाइयां लेकर चलें, जो आपको इस समस्या से राहत दिला सकती है।
- अदरक की चाय पीने से भी राहत मिल सकती है।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।