Good habits for your lifestyle : स्वस्थ रहने का सबसे बेहतरीन फॉर्मूला, इन आदतों को बनाएं अपनी लाइफस्टाइल
संयुक्त राज्य अमेरिका और यूनाइटेड किंगडम के वैज्ञानिकों की एक टीम ने भ्रूण मॉडल के रूप में संदर्भित दुनिया की पहली सिंथेटिक मानव भ्रूण (world’s first synthetic human embryo) जैसी संरचनाओं को सफलतापूर्वक विकसित किया है।मोटापा, डायबिटीज, अस्थमा और कैंसर जैसी बीमारियों में लाभदायक है ये चीजें
प्रीप्रिंट सर्वर बायोरेक्सिव में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, भ्रूण के ये स्टेम सेल-व्युत्पन्न मॉडल गर्भाशय में आरोपण के बाद होने वाले संरचनात्मक परिवर्तनों के दौरान विकासात्मक घटनाओं और अंतरकोशिकीय संचार के अध्ययन के लिए महत्वपूर्ण उपकरण के रूप में काम करते हैं।नए अध्ययन में खुलासा : तेजी से वजन घटाने के लिए करें क्रैश डाइटिंग, ऐसे होती है डाइटिंग
शोध का फोकस जीवन बनाना नहीं बल्कि उसे बचाना है। शोधकर्ताओं को उम्मीद है कि आगे की जांच आनुवंशिक बीमारियों और गर्भावस्था के दौरान गर्भपात के कारणों (causes of miscarriage during pregnancy) की बेहतर समझ में योगदान देगी।गर्भावस्था के दौरान खतरनाक हो सकता है हाइपरटेंशन, भूलकर भी ना करें नज़रअंदाज़
इस अध्ययन का एक मुख्य फोकस गर्भपात के कारणों के बारे में जानकारी हासिल करना है। कृत्रिम भ्रूण गर्भ के भीतर प्रारंभिक चरण के विकास को दोहराते हैं, वैज्ञानिकों को केवल अल्ट्रासाउंड स्कैन पर निर्भर रहने के बजाय एक ठोस मॉडल प्रदान करते हैं। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि कानूनी नियमों के अनुसार, वैज्ञानिकों को केवल अधिकतम 14 दिनों के लिए प्रयोगशाला में भ्रूण की कल्टीवेट करने की अनुमति है। डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।