शोधकर्ताओं ने माइग्रेन के दर्द के दौरान और माइग्रेन के रोगियों की रेटिना रक्त वाहिकाओं में परिवर्तन देखने के लिए एक गैर-इनवेसिव इमेजिंग तकनीक का उपयोग किया, जिसे ऑप्टिकल सुसंगतता टोमोग्राफी एंजियोग्राफी या ओसीटीए के रूप में जाना जाता है। शोधकर्ताओं ने पाया कि कुछ स्थितियों में माइग्रेन के दर्द के दौरान रेटिना में रक्त का प्रवाह कम हो जाता है।
निष्कर्ष यह बता सकते हैं कि क्यों कुछ रोगियों में दृश्य लक्षण होते हैं और यह माइग्रेन के हमलों के लिए बायोमार्कर के रूप में काम कर सकता है। यह शोध माइग्रेन रोगियों और उनकी आंखों की देखभाल के लिए बेहद उपयोगी हो सकता है।