स्वास्थ्य

माइग्रेन और उसका आंखों पर असर

एक नए अध्ययन के मुताबिक रेटिना में रक्त के प्रवाह में परिवर्तन कुछ माइग्रेन रोगियों के विजुअल लक्षणों को प्रभावित कर सकता है। हेडेक जर्नल में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार माइग्रेन के लिए एक लंबे समय से मांगे जाने वाले अवलोकन योग्य मार्कर का प्रतिनिधित्व कर सकते हैं जिसका उपयोग डॉक्टर उपचार में सहायता के लिए कर सकते हैं।

Jan 07, 2024 / 02:19 pm

Jaya Sharma

अमेरिका स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया के शोधकर्ताओं ने कहा माइग्रेन के मरीजों को अक्सर आंखों के आसपास दर्द, प्रकाश के प्रति संवेदनशीलता, अंधे धब्बे और दृश्य धुंधलापन जैसे लक्षणों का अनुभव होता है, लेकिन उन लक्षणों के पीछे के तंत्र को अच्छी तरह से समझा नहीं गया है।
शोधकर्ताओं ने माइग्रेन के दर्द के दौरान और माइग्रेन के रोगियों की रेटिना रक्त वाहिकाओं में परिवर्तन देखने के लिए एक गैर-इनवेसिव इमेजिंग तकनीक का उपयोग किया, जिसे ऑप्टिकल सुसंगतता टोमोग्राफी एंजियोग्राफी या ओसीटीए के रूप में जाना जाता है। शोधकर्ताओं ने पाया कि कुछ स्थितियों में माइग्रेन के दर्द के दौरान रेटिना में रक्त का प्रवाह कम हो जाता है।
निष्कर्ष यह बता सकते हैं कि क्यों कुछ रोगियों में दृश्य लक्षण होते हैं और यह माइग्रेन के हमलों के लिए बायोमार्कर के रूप में काम कर सकता है। यह शोध माइग्रेन रोगियों और उनकी आंखों की देखभाल के लिए बेहद उपयोगी हो सकता है।

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