सार्स-कोव-2 वायरस फेफड़ों के जरिये रक्तवाहिकाओं में पहुंचकर किडनी सहित विभिन्न अंगों को प्रभावित कर सकता है। आईसीयू में भर्ती पांच फीसदी मरीज तो ‘एक्यूट किडनी फेलियर’ तक के शिकार हो रहे हैं। इसमें उन्हें डायलिसिस पर रखने की जरूरत पड़ती है। ऐसे मरीजों के कोरोना से दम तोड़ने की आशंका भी अधिक पाई गई है।
किडनी रोगी कोरोना होने पर किडनी फंक्शन टेस्ट जरूर करवाएं।
दर्द या बुखार होने पर पैरासिटामॉल लें, पेनकिलर के सेवन से बचें।