अधिकारियों के अनुसार, उत्तर कर्नाटक में प्रतिष्ठित चिकित्सा शिक्षा संस्थान का नाम बदलने के प्रस्ताव को राज्य सरकार से पहले ही मंजूरी मिल चुकी है और आधिकारिक तौर पर इसका नाम बदलने से पहले केवल अपेक्षित प्रक्रियाओं का पालन किया जाना है।1957 में कर्नाटक मेडिकल कॉलेज की स्थापना 104 एकड़ के बड़े परिसर में की गई थी। इसके बाद, 1996 में इसका नाम बदलकर कर्नाटक आयुर्विज्ञान संस्थान कर दिया गया था।
केआइएमएस के निदेशक डॉ. एस. एफ. कम्मार ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा विभिन्न जिलों में नए मेडिकल कॉलेज और अस्पताल स्थापित करने के बाद, केआइएमएस नाम को लेकर भ्रम की स्थिति थी क्योंकि कोप्पल, कारवार और कलबुर्गी में चिकित्सा विज्ञान संस्थानों का संक्षिप्त नाम भी केआइएमएस था। भ्रम को दूर करने के लिए, राज्य सरकार को एक प्रस्ताव भेजा गया था, जिसमें संस्थान का नाम हुबली इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज रखने का सुझाव दिया गया था। हालांकि, अधिकारियों ने बेंगलूरु मेडिकल कॉलेज एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट के मामले की तरह आरआइ के साथ पुराने नाम केएमसी को बरकरार रखने की मांग की और सरकार ने भी इसे मंजूरी दे दी।उन्होंने कहा, यह पूरे राज्य में एकमात्र सरकारी चिकित्सा संस्थान है जिसमें राज्य, कर्नाटक का नाम शामिल है। संस्थान के संस्थापकों ने इसे हुबली मेडिकल कॉलेज के बजाय कर्नाटक मेडिकल कॉलेज (केएमसी) कहना पसंद किया।